चाचा की “सफेदी” ने सोनाली को बनाया कुमाऊँ की प्रथम महिला कोस्ट गार्ड

रिपोर्ट : तारिणी मोदी
अहमदाबाद 4 दिसंबर, 2019 (युवाPRESS)। आज के युवक-युवतियाँ जहाँ आम तौर पर एक बड़े सैलरी पाकेज के साथ काम कर कमयाबी पाना चाहती है, वहीं केवल सफेद वर्दी के लिए सोनाली ने लाखों की नौकरी को ठोकर मार दी। सोनाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विस गुड़गांव में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में कार्य कर रहीं थीं। बचपन से ही अपने चाचा की सफेद वर्दी से प्रभाविक रहने वाली सोनाली एक झटके में अपनी नौकरी छोड़ अपने सपने को चुन लिया।
परिवार से मिली देश सेवा की भावना
दरअसल उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के असोन मल्लकोट की सोनाली मनकोटी को भारतीय तटरक्षक सेवा में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट चुना गया है। सोनाली मनकोटी कुमाऊँ की पहली महिला अधिकारी हैं। भारत की सेवा का जज्बा सोनाली में अपने परिवार से ही आया है, क्योंकि सोनाली के दादा, पापा और चाचा सभी भारत की सुरक्षा कार्य में संलग्न रहे हैं। सोनाली के दादा सूबेदार मेजर (रि.) प्रताप सिंह मनकोटी और पिता सूबेदार मेजर (रि.) कुंदन सिंह मनकोटी भारतीय थल सेना में तो चाचा भारतीय तटरक्षक (INDIAN COST GUARD) सेवा में सेवारत हैं।
चाचा की वर्दी से थीं प्रभावित
सोनाली को अपने पिता से अधिक अपने चाचा की वर्दी को देख कर जोश और सेना में शामिल होने की प्रेरणा मिलती थी। सोनाली ने जून-2019 में भारतीय नौसेना एकेडमी ज्वॉइन की थी। वहाँ से 6 महीने की ट्रेनिंग करने के बाद 30 नवंबर, 2019 को सोनाली भारतीय कोस्ट गार्ड सेवा में बतौर असिटेंट कमांडेंट शामिल हुई। आईएनए में प्रशिक्षण के दौरान कई चुनौतियां आईं, जिन्हें उन्होंने अपनी हिम्मत और लगन से पार किया। सोनाली फिलहाल 1 माह की छुट्टी पर अपने घर आएँगी। सोनाली आगे की ट्रेनिंग जामनगर में आईएनएस वालसुरा में लेंगी।