भारत तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार महंगाई भी काबू में:Shaktikant das

Anjali Tiwari

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RBI

Inflation:भारत में महंगाई की चर्चा चारो ओर रोज होती रहती है सरकार और RBI से अक्सर जनता सवाल पूछती है. इस बीच एक ऐसी खबर आयी है जो जनता कों राहत पहुंचाने वाली है दरअसल RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने बृहस्पतिवार कों महंगाई कों लेकर राहत देने वाली बात कहीं जिससे सभी भारतीयों में उल्लास का माहौल है. उन्होंने टोक्यो में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ग्रुप कों सम्भोधित करते हुए कहा कि हम लगातार बढ़ती मंहगाई को कंट्रोल करने के लिए कीमतों को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. मंहगाई को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक भी सतर्क हो रही है. आगे उन्होंने कहा कि “यह संतोष की बात है कि भारतीय अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में उतार-चढ़ाव भरे हालात में भी यह सुगमता से आगे बढ़ी है. अपनी अंतर्निहित मजबूती और सूझबूझ के साथ नीतिगत उपायों से वृद्धि को गति और मजबूती मिल रही है. साथ ही मुद्रास्फीति भी काबू में आ रही है.”

Inflation (RBI Governor Shrikant Das)

आरबीआई गर्वनर ने कहा अर्थव्यवस्था सही राह पर (Inflation)

ख़बरों की मानें तो शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी ने अपनी अक्टूबर की बैठक में 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो 2022-23 के 6.7 प्रतिशत से कम है. जानकारी के लिए बता दें, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में कम होकर 3 महीने के निचले स्तर पर आ गई है.अक्टूबर महीने का महंगाई का आंकड़ा 13 नवंबर को जारी किया जाएगा. आगे शक्तिकांत दास ने कहा कि हालांकि सकल मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों के झटकों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है.

वहीं मुख्य तौर पर मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में अपने उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद 1.70 प्रतिशत नीचे आ चुकी है.आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से सुधार कर रही है और चालू वित्तवर्ष में लगाए गए 9.5 फीसदी विकास दर अनुमान को पाना कतई मुश्किल नहीं है. कोरोना महामारी के बावजूद भी हमारी आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है. विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा रिजर्व होने से आर्थिक चुनौतियों से निपटना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा. महामारी के दौरान सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और नीतिगत फैसलों का असर भी दिख रहा है, जिससे चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियां और तेजी से आगे बढ़ेंगी.

जीडीपी (GDP) की वृद्धि के आंकड़ों से पता चलता है. महामारी के बाद जीडीपी वृद्धि में 2020-21 में 5.8 प्रतिशत की गिरावट थी. वहीं 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ स्थिति बदली है.

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