साल 2017 अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। Demonetization और GST जैसे फैसलों के कारण यह साल कॉरपोरेट और पॉलिसी मेकिंग वर्ल्ड के लिए एक रोलर-कोस्टर राइड की तरह रहा। इस दौरान कई दिग्गज अखबारों और न्यूज चैनलों की खबरों का केन्द्र बने। ऐसे ही कुछ प्रमुख लोगों के बारे में हम अपने इस लेख में चर्चा करेंगे।
अरुण जेटली
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली शायद इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहे होंगे। इसका कारण सरकार के GST और Demonetization जैसे निर्णय रहे। करीब 10 सालों के इंतजार के बाद देश में GST लागू हुआ। जिसके तहत पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था लागू की गई। यह व्यवस्था 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हुई, जिसे आधुनिक भारत के बड़े बदलावों में से एक कहा जा रहा है। इस दौरान जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण जेटली सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। इसके अलावा FRDI बिल को लेकर, आधार कार्ड की लिंकिंग को लेकर भी अरुण जेटली खबरों में बने रहे।
पीयूष गोयल
साल 2017 रेल हादसों का भी साल रहा, जिस कारण रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनके स्थान पर पीयूष गोयल को यह जिम्मेदारी दी गई। पद संभालते ही पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे में बड़े बदलावों को मंजूरी दी है। जिनकी मदद से रेलवे, यात्री सुरक्षा, ऊर्जा बचत और बेहतर तकनीक की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय रेलवे, जर्मन रेलवे के साथ मिलकर सेमी हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है, ताकि भारतीय रेलों की गति बढ़ायी जा सके। इस तरह पीयूष गोयल भारतीय रेलवे के ट्रांसफोर्मेशन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जिस कारण गोयल 2017 में लगातार खबरों में बने रहे।
विशाल सिक्का
आईटी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के पूर्व CEO विशाल सिक्का इस पूरे साल मीडिया में छाए रहे। पहले कंपनी के फाउंडर एन.आर. नारायणमूर्ति के साथ मतभेदों को लेकर और फिर सैलरी बढ़ोत्तरी को लेकर विशाल सिक्का खबरों में रहे। उसके बाद अगस्त महीने में इंफोसिस से इस्तीफा देकर विशाल सिक्का ने बड़ा झटका दिया था। बता दें कि सिक्का के इस्तीफे के बाद कंपनी के शेयरों में 13 % की गिरावट देखने को मिली थी। विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद यूबी प्रवीण राव को कंपनी का आंतरिक सीईओ नियुक्त किया गया है। विशाल सिक्का को इंडिया टुडे ने साल के 50 मोस्ट पॉवरफुल लोगों में शामिल किया है।
मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी ऐसी शख्सीयत हैं, जो शायद हर साल ही चर्चा में रहते हैं। लेकिन साल 2017 में अंबानी की संपत्ति में 19 बिलियन डॉलर की जोरदार बढ़ोत्तरी चर्चा का विषय बनी हुई है। फोर्ब्स के अनुसार, मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 41 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। इसके अलावा Jio के कारण अंबानी ने टेलीकॉम सेक्टर में खलबली मचा दी है, जिस कारण भी मुकेश अंबानी खबरों में बने रहे। बता दें कि अक्टूबर तक जियो के पूरे देश में कुल 7.34 मिलियन कस्टमर हो चुके हैं। वहीं टेलीकॉम की अन्य कंपनियां एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया क्रमशः 3.14 मिलियन, 0.87 मिलियन और 0.71 मिलियन कस्टमर के साथ जियो से काफी पीछे हैं।
रघुराम राजन
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी कई कारणों से सालभर चर्चा में बने रहे। नोटबंदी जैसे मुद्दे पर अपनी बेबाक टिप्पणी और अपनी किताब “I do what I do” के लिए राजन मीडिया की सुर्खियां बने। यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी ने रघुराम राजन को राज्यसभा सदस्य बनाने की पेशकश भी की थी, लेकिन रघुराम राजन ने इसे ठुकराकर अपना पसंदीदा काम ‘पढ़ाना’ (Teaching) चुना।
अनिल अंबानी
मुकेश अंबानी की तरह अनिल अंबानी भी 2017 में चर्चा में रहे, लेकिन गलत कारणों से। दरअसल अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन घाटे में रही, जिस कारण कंपनी को अपनी वॉयस कॉल सेवा बंद करनी पड़ी। वहीं कर्ज के कारण अनिल अंबानी को टेलीकॉम टावर्स, रियल एस्टेट, स्पेक्ट्रम और पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन जैसे फील्ड से भी एक्जिट करना पड़ा। अनिल अंबानी ने कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी के खिलाफ 5000 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा भी किया है।