नई दिल्ली: चुनाव (Election) आते ही कोई भी पार्टी किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोडती। फिर भी एक जंग हर एक पार्टी में छड़ी रहती है, फिर चाहे वो भारत की जानी मानी पार्टी बीजेपी (BJP) हो या कांग्रेस (Congress) या फिर बसपा, अन्य कोई भी पार्टी (party) हो। कर्नाटक (Karnataka) के पिछले चुनाव में एक भी सीट न हासिल करने वाली पार्टी बीजेपी (BJP) इस बार कड़ी मेहनत करती नज़र दिखाई दे रही है। शुकरवार 30 मार्च 2018 और शनिवार 31 मार्च 2018 को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा पुराने मैसूर क्षेत्र का दौरा किया जयगा। इनकी यह यात्रा ‘कर्नाटक जागृति यात्रा’ (Karnataka Jagrati Yatra) होगी जो जिला मैसूर के साथ साथ जिला चामराजनगर, मांड्या और रामानागर जिलों का दौरा भी आज और कल किया जयगा। कर्नाटक (Karnataka) के इन मैसूर समेत चार जिलों में केवल यह 26 सीट विधानसभा की होती है। जिसमे से वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा (bjp) एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई थी।
इसके अलावा भी तक़रीबन 20 नेताओ के रिश्तेदार (relatives) टिकेट की मांग कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस के महासचिव और इंचार्ज के सी वेणुगोपाल द्वारा बताया गया है कि, बेशक हमसे टिकेट की मांग की जा रही है, लेकिन टॉप लीडरशिप द्वारा पहले ही निर्णय लिया जा चुका है कि टिकेट मांग करना तो उनका अधिकार (right) है ही, लेकिन जीत की क्षमता के फैक्टर पर निर्भर (depend) करेगा। और आखरी निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी या पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा ही लिया जयेगा।
अमित शाह द्वारा लिंगायत समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थल सुत्तूर मठ का दौरा भी किया जायेगा और साथ ही गणपति सच्चिानंद आश्रम भी जाएंगे। इससे पहले भी राहुल गाँधी कांग्रेस (congress) के अध्यक्ष ने भी इसी शेत्र का दौरा किया था। और अब मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा मैसूरू में चुनाव का प्रचार 2 अप्रैल 2018 तक किया जाऐगा।