नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पेरेंट्स को राहत प्रदान कर दी। मंगलवार 3 अप्रैल 2018 में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा प्राइवेट स्कूल में मनमानी स्कूल फीस वसूल की जाने पर रोक लगा देने की बहुत बड़ी मंजूरी दे दी गयी है। सरकार द्वारा किये गये प्राइवेट स्कूल (Private School) की फीस कम करने में सफलता की उम्मीद जगाई गयी है।
उर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने बताया की उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का निर्धारण) जरी करके अभिभावकों को राहत मिलेगी। यह आदेश वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लागू किए जाएंगे। साथ ही यह भी बताया गया की समिति प्रावधान के पहली बार बात न माने जाने पर 1 लाख रु. और दूसरी बार बात न माने जाने पर 5 लाख रु.का जुर्माना लगेगा और तीसरी बार उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता वापस ली जाएगी। इसके अलावा अब सहायक अभियंता के पदों के लिए इंटरव्यू 250 अंकों के स्थान पर 100 अंक का होगा। लिखित परीक्षा पूर्व की भांति 750 अंक की ही रहेगी।
जानिए किस प्रकार फीस में मिलेगी रहत?
अब सीबीएससी (CBSE) और आईसीएससी (ICSE) बोर्ड द्वारा मनमानी स्कूल फीस नहीं वसूली जायगी। हर साल एडमिशन (admission) चार्ज, एनुअल (annual) चार्ज, डेवलपमेंट (development) चार्ज आदि स्कूल में वसूला जाता था। लेकिन अब यह सब सीमित तरके से फीस लेंगे। अब केवल हर साल 7-8 फीसदी से ज़्यादा फीस नहीं बढ़ा पायंगे। हर वर्ष अब एडमिशन फीस नहीं देनी होगी। इसके अलवा केवल 4 प्रकार से ही फीस ली जायगी जिसमे विवरण पुस्तिका शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और संयुक्त वार्षिक शुल्क शामिल रहेग। और साथ ही यह नियम भी बना दिया गया है कि, किसी भी स्कूल की ड्रेस भी 5 वर्ष से पहले नही बदली जा सकती।
कोई पेरेंट्स अपने बच्चे के लिए हॉस्टल, वाहन या फिर कैंटीन की सुविधा लेना चाहते है, तो स्कूल को इसके लिए पेरेंट्स को मान्य रसीद देनी होगी।