भारत ने गुरुवार को अग्नि-5 (Agni-5 Missile) मिसाइल का सफल परीक्षण कर एक बार फिर अपनी मारक क्षमता का परिचय दे दिया है। यह परीक्षण गुरुवार सुबह 9:54 बजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। जिसमें 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली Intercontinental Ballistic Agni Missile ने हिंद महासागर में सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को भेद दिया। इस परीक्षण के साथ ही भारत ऐसा पांचवा देश बन गया है, जिसके पास इतनी दूर तक मार करने वाली मिसाइल है। भारत से पहले यह क्षमता अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस के पास ही है।
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल (Agni Missile) की खासियत है कि यह मिसाइल अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। अग्नि मिसाइल की यह खूबी इसे और भी ज्यादा मारक बना देती है। खास बात ये है कि अग्नि मिसाइल (Agni Missile) की पहुंच अब चीन के बीजिंग शहर तक होगी। कह सकते हैं कि जिस तरह से भारत और चीन के संबंधों में उतार चढ़ाव चल रहा है, ऐसे में यह अग्नि मिसाइल भारत को काफी अहम है।
क्यों खास है Agni Missile
बता दें कि भारत सरकार के उपक्रम DRDO ने अपने Integrated Guided Missile Development Programme साल 1980 में शुरु किया था। इस प्रोग्राम के तहत सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए मिसाइलों का निर्माण किया जाना था। मशहूर वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को इसकी कमान सौंपी गई। इस प्रोग्राम के तहत 5 तरह की मिसाइल तैयार की गई। इनमें पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, आकाश और नाग मिसाइल का नाम शामिल है। इन मिसाइलों में अग्नि मिसाइल सबसे खास है।
अग्नि-1 (Agni-1 Missile)
Integrated Guided Missile Development Programme के तहत साल 1989 में अग्नि-1 मिसाइल एक बैलेस्टिक मिसाइल है। अग्नि-1 (Agni Missile) की मारक क्षमता 700-900 किलोमीटर है। इसका पहला परीक्षण साल 1989 में चांदीपुर रेंज में किया गया था। 12 टन वजनी और 15 मीटर लंबी अग्नि-1 मिसाइल अपने साथ 1000 किलो तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
अग्नि-2 (Agni-2 Missile)
अग्नि-2 मिसाइल की मारक क्षमता 2000-2500 किलोमीटर है। इस मिसाइल का वजन करीब 18 टन है और यह 20 मीटर लंबी है। गौरतलब है कि अग्नि-2 मिसाइल (Agni Missile) को भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है। यह मिसाइल भी न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
अग्नि-3 (Agni-3 Missile)
अग्नि सीरीज की मिसाइलों में यह तीसरी मिसाइल है, जिसका साल 2006 में व्हीलर द्वीप (मौजूदा अब्दुल कलाम द्वीप) से सफल परीक्षण किया गया। हालांकि तब मिसाइल अपने परीक्षण में फेल हो गई थी। इसके बाद कुछ सुधारों के साथ साल 2007 में फिर से अग्नि-3 मिसाइल (Agni Missile) का परीक्षण किया गया, जो कि सफल रहा। अग्नि-3 मिसाइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है और यह अपने साथ 1500 किलो तक न्यूक्लियर हथियार ले जा सकती है। गौरतलब है कि अग्नि-3 इस रेंज की पूरी दुनिया में सबसे सटीक मिसाइल मानी जाती है।
अग्नि-4 (Agni-4 Missile)
अग्नि-4 मिसाइल को अग्नि-2 का ही उन्नत रुप माना जाता है। अपने साथ 1 टन वजनी न्यूक्लियर हथियार ले जा सकने वाली इस मिसाइल का परीक्षण सबसे पहले साल 2011 में किया गया था। 4000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली अग्नि-4 मिसाइल (Agni Missile) की खासियत है कि यह किसी Mobile Launcher यानि कि सैन्य वाहन से भी दागी जा सकती है।
अग्नि-5 (Agni-5 Missile)
अग्नि-5 मिसाइल (Agni Missile) भारत की Intercontinental Ballistic Missile है, जोकि 5000 किलोमीटर तक की रेंज तक अपने लक्ष्य को भेद सकती है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण साल 2012 में उड़ीसा के व्हीलर द्वीप पर किया गया था। इस मिसाइल की मदद से अब हमारी पहुंच पाकिस्तान समेत पूरे चीन तक हो गई है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इस मिसाइल को भी Mobile Launcher की मदद से दागा जा सकता है। आज फिर से इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।
अग्नि-6 (Agni-6 Missile)
फिलहाल इस मिसाइल पर काम चल रहा है। यह मिसाइल अभी तक कि सबसे एडवांस्ड मिसाइल होगी, जोकि 8000-10000 किलोमीटर तक मार कर सकेगी। इस मिसाइल के उन्नत हो जाने के बाद भारत की पहुंच यूरोप तक हो जाएगी। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही इस तरह की मिसाइलें बनाने में सफलता हासिल की है।