रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 10 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। विदाई लेने से पहले मानसून एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। अहमदाबाद में पिछली रात से रुक-रुक कर तेज वर्षा हो रही है। मंगलवार को भी काले घने बादलों ने अहमदाबाद सहित गुजरात को अपने शिकंजे में जकड़े रखा, जिसके परिणाम स्वरूप दोपहर के समय भी अंधकार छाया रहा और बिजली कड़कती रही। इसी बीच शहर के बोपल इलाके में एक बिल्डिंग पर एक सप्ताह के भीतर दो बार बिजली गिरने से इस बिल्डिंग के निवासियों के साथ-साथ आसपास के निवासियों में भी भय व्याप्त हो गया है।
अहमदाबाद में 1 घण्टे में 2 इंच बारिश
शहर में बीती रात से बारिश का नया दौर शुरू हुआ है, जो मंगलवार को भी जारी रहा। सुबह हुई भारी बारिश से शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों और सोसाइटियों में पानी भर गया, जिसके कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई और लोगों को आवागमन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह मात्र 1 घण्टे में 2 इंच पानी बरसने से पूरा शहर पानी-पानी हो गया।
इस बीच दक्षिणी बोपल में स्थित सारथ्य नामक रिहाइशी बिल्डिंग पर बिजली गिरने से इस बिल्डिंग में रहने वाले तथा आसपास के निवासियों को जबरदस्त बम धमाके जैसा अनुभव हुआ, यहाँ तक कि बच्चों में चीख-पुकार मच गई। बिजली गिरने से कई घरों में टेलीविज़न सेट और फ्रिज जैसे इलेक्ट्रोनिक साधनों को नुकसान हुआ और वह बंद हो गये। इस घटना को कुछ लोगों ने मोबाइल से कैमरे में कैद कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो तेजी से वायरल हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बिल्डिंग पर एक ही सप्ताह के भीतर यह दूसरी बार बिजली गिरी है, इसके बावजूद बिल्डर की तरफ से कोई इन लोगों की खैर-खबर लेने भी नहीं आया। कुछ दिन पहले ए ब्लॉक की छत पर बिजली गिरी थी और मंगलवार को बी तथा ई ब्लॉक की छत पर बिजली गिरने से पानी की टंकी की दीवार को नुकसान पहुँचा है। इसके अलावा जब बिजली गिरी तो लोगों ने इतना जबरदस्त धमाका अनुभव किया, जैसे कोई बम धमाका हुआ हो। यह धमाका इतना भयभीत कर देने वाला था कि बच्चों में चीख-पुकार मच गई थी। स्थानीय निवासी भी दो-दो बार हुई इस घटना से भयभीत हैं। लोगों का यह भी कहना है कि बिल्डिंग में ऊपर अर्थिंग के लिये कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण यह घटना बार-बार हो रही है। स्थानीय लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और उनके घरों में इलेक्ट्रोनिक संसाधनों को नुकसान हो रहा है।
क्यों गिरती है बिजली, क्या हैं बचने के उपाय ?
आसमान में बादलों का हवा के वेग से एक-दूसरे से विरोधी दिशा में जाते समय घर्षण पैदा होता है, जिससे बिजली उत्पन्न होती है। यह बिजली धरती पर संवाहक (कंडक्टर) को तलाशती रहती है और जैसे ही उसका किसी चलते फिरते व्यक्ति या बिजली के खंभे जैसी वस्तुओं से संपर्क होता है तो उसे संवाहक यानी कंडक्टर मिल जाता है और वह उसे अपनी चपेट में ले लेती है। आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से भी अधिक होता है। इसकी क्षमता 300 किलोवॉट अर्थात् 12.5 करोड़ वॉट से भी अधिक होती है। यह बिजली एक मिली सेकंड से भी कम समय के लिये ठहरती है। यह मनुष्य के सिर, गले तथा कंधों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। दोपहर के समय आकाशीय बिजली गिरने की संभावना अधिक होती है। एक अध्ययन के मुताबिक आकाशीय बिजली महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करती है।
आकाशीय बिजली कड़क रही हो तो उस समय घर या ऑफिस के अंदर रहना हितावह है। यदि बाहर हैं तो खुली जगह में या पेड़ के नीचे आश्रय न लें और किसी बिल्डिंग का आश्रय ले सकते हैं। यदि संभव हो तो जब बिजली कड़कती हो तब बाहर निकलना टालें। घर और ऑफिस के अंदर भी बिजली पैदा करने वाली वस्तुओं से दूरी बना कर रखें, जैसे कि रेडिएटर, मोबाइल फोन, धातु के पाइप, वायर, ज्वलनशील स्टोव आदि।