रिपोर्ट : तारिणी मोदी
अहमदाबाद 16 दिसंबर, 2019 (युवाPRESS)। भारत परंपराओं की एक धार्मिक स्थली है, जहाँ कई धर्म एक साथ निवास करता है। सभी धर्मों की अपनी अलग मान्यता और पहचान है, परंतु एक चीज है जो सभी धार्मिक स्थलों पर देखने को मिल जाता है और वो है, श्रद्धा से चढ़ाया गया फूल। सुगंधित, कई रंगों और विशेष बनावट के साथ ये फूल सभी के प्रिय होते हैं, फिर वह मंदिर में चढ़ने वाली फूलों की माला हो या फिर दरगाह पर चढ़ने वाली फूलों की चादर। हालाँकि पूजा के बाद इन फूलों को कचरे की तरह फेंक दिया जाता है, परंतु अब इन फूलों से कई प्रकार की सामग्री बनाने का काम शुरू होने वाला है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में अयोध्या स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (Dr. Ram Manohar Lohia Avadh University, Ayodhya) के पर्यावर्ण विभाग ने इत्र निर्माण के लिए 4 लाख का प्लांट लगाया है। इस प्लांट की विशेष बात ये है कि यहाँ प्रयोग होने वाले फूल किसी फूलों के बाग़ से नहीं, यद्यपि उन मंदिरों से लाए जाएँगे, जहाँ प्रतिदिन फूल पूजा के रूप में चढ़ाए जाते हैं। 18 दिसंबर, 2019 को बड़े पैमाने पर इस इत्र के प्लांट से फूलों से इत्र निकालने की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी।
पर्यावरण विभाग के प्रमुख और योजना के प्रभारी प्राफेसर जसवंत सिंह का कहना है कि यूनिवर्सिटी का लक्ष्य इस तकनीक पर शोध कार्य कर इसे प्रोत्साहित करने के साथ इसे एक कुटीर व्यवसाय से जोड़ना भी है। अब मंदिर में व्यर्थ जा रहे फूलों से इत्र, अगरबत्ती और सुगंधित तरल पदार्थों का निर्माण कर इसे एक कुटीर उद्योग के रूप में विकसित किया जाएगा। जसवंत सिंह ने ये भी कहा कि यह एक इलेक्ट्रिक संचालित प्लांट है, जिसमें 4 तकनीकी कर्मचारी काम करते हैं। इस तकनीक में मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों को चढ़ावे के बाद रॉ मटेरियल के रूप में नगर निगम से अनुबंध कर प्राप्त करने व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल तो इस समय गेंदा के फूल मिल रहे हैं, परंतु योजना के अनुसार मौसम के हिसाब से जो भी फूल मंदिर पर चढ़ेंगे, उन्हें इत्र बनाने में प्रयोग किया जाएगा। इन वेस्ट फूलों को 3 बार रिसाइकल कर उपयोग में लाया जा सकता है। युनिवर्सिटी प्लांट में इत्र बनाने के साथ-साथ आस पास के बेरोजगार लोगों को फूल से इत्र और अन्य सामग्री बनाने के प्रशिक्षण भी देगी, जिससे लोगों को रोजगार भी मिल सके।
आने वाले समय में कन्नौज की भाँति अब अयोध्या में भी इत्र का व्यवसाय करने की योजना बनाई गई है। अवध यूनिवर्सिटी ने कन्नौज की एक इत्र बनाने वाली सरकारी संस्था के साथ समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding) यानी MOU पर हस्ताक्षर किया है। यह संस्था तकनीकी तौर पर इत्र बनाने के लिए लोगों को गाइड करती है। कन्नौज में कुटीर उद्योग के तौर पर इत्र का व्यवसाय घर-घर में फैला हुआ है। अयोध्या में भी लोग फूलों की खेती के साथ-साथ इत्र का प्लांट लगा कर एक नए व्यवसाय को विकसित कर सकेंगे, जिसमें यूनिवर्सिटी इन लोगों का सहयोग करेगी।