पिछले वर्ष जम्मू कश्मीर में हुए हमले (Amarnath Yatra Attack) के दौरान 52 अमरनाथ यात्रियों की जिन्दगी बचाने वाले बस ड्राइवर शेख सलीम गफूर को देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक वीरता पुरस्कार (Jeevan Raksha Padak) से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। सलीम गफूर को यह सम्मान 26 जनवरी की शाम को एक कार्यक्रम के दौरान दिया जाएगा। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले (Amarnath Yatra Attack) में 8 लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन सलीम गफूर की सूझबूझ और बहादुरी की वजह से बाकी 52 लोगों की जिंदगियां बच गई थी।
क्या थी Amarnath Yatra Attack की घटना
दरअसल पिछले साल गुजरात के 60 अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पवित्र शिवलिंग के दर्शन करके वापस लौट रही थी। गुजरात के वलसाड का रहने वाला बस ड्राइवर शेख सलीम गफूर बस चला रहा था। इसी दौरान जब बस अनंतनाग जिले के बाटेनगू पहुंची तभी घात लगाए बैठे आतंकियों ने बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस मुश्किल घड़ी में भी सलीम ने हौंसला नहीं खोया और बहादुरी दिखाते हुए बस चलाना जारी रखा। गोलियों की बौछार के बीच से सलीम ने बस को एक सिक्योरिटी पोस्ट के पास जाकर ही रोका। इस आतंकी हमले में 8 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, लेकिन सलीम की बहादुरी से 52 जिंदगियां बच गई। यही वजह है कि सलीम के साहसिक कारनामे की बदौलत सरकार ने उसे उत्तम जीवन रक्षा पदक (Uttam Jeevan Raksha Padak) देने का फैसला किया है।
Jeevan Raksha Padak 2017 के लिए चुने गए 44 लोग
गौरतलब है कि इस साल नागरिक वीरता पुरस्कारों के लिए कुछ 44 लोगों को चुना गया है। बता दें कि नागरिक वीरता पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं, जिनमें सबसे पहला सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, दूसरा उत्तम जीवन रक्षा पदक और तीसरा जीवन रक्षा पदक शामिल हैं। सर्वोत्तम श्रेणी में इस साल 7 (सभी मरणोपरांत) लोगों को चुना गया है। वहीं उत्तम जीवन रक्षा पदक श्रेणी में 13 लोगों को चुना गया है। शेख सलीम गफूर को इसी श्रेणी के तहत पुरस्कार से नवाजा जाएगा। जबकि जीवन रक्षा श्रेणी में 24 लोगों को वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
सर्वोत्तम श्रेणी में विजेता को 1 लाख रुपए नगद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। उत्तम श्रेणी में विजेता को 60 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र और जीवन रक्षा श्रेणी में 40 हजार रुपए नगद और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।