प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2019 की दुंदुभि और आदर्श आचार संहिता के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की विशाल और ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा क्या की कि पड़ोसी देशों को भारत से खतरे की आहट सुनाई देने लगी। मोदी की घोषणा से एक तरफ देश में उनके विरोधियों ने मोर्चा खोला, तो दूसरी तरफ पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान थर्रा गए, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका ने कहा, ‘हम भारत के साथ हैं’।

अंतरिक्ष जगत में भारत के मिशन शक्ति की सफलता से जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया आश्चर्य में है, वहीं चीन-पाकिस्तान परेशान दिखाई दिए। इसके बावजूद कि पीएम मोदी ने अपनी घोषणा में स्पष्ट किया था कि भारत का मिशन शक्ति किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आत्म रक्षा के लिए।

यद्यपि अमेरिका ने कहा, ‘अंतरिक्ष में सुरक्षा को लेकर दोनों देश (भारत-अमेरिका) साथ में आगे बढ़ेंगे। अंतरिक्ष का मलबा हमारी सरकार के लिए एक चिंता का विषय है। हम इस मसले पर भारत सरकार से बात भी करेंगे। भारत सरकार की ओर से अंतरिक्ष के मलबे को लेकर जो वक्तव्य दिया गया है, हम उस पर भी नजर बनाए हुए हैं।’

उधर मिशन शक्ति की सफलता की पीएम मोदी द्वारा घोषणा किए जाने के बाद पाकिस्तान चिंता में पड़ गया। उसके माथे पर उपजी चिंता की लकीरों का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोदी की घोषणा के बाद सबसे पहली प्रतिक्रिया पाकिस्तान से ही आई। पाकिस्ता के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो सुरक्षा को लेकर बड़ी बैठक भी बुला ली। पाकिस्तान ने मिशन शक्ति पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘पाकिस्तान आउटर स्पेस में शस्त्रों की दौड़ रोकने का पक्षधर रहा है। अंतरिक्ष सभी की साझा विरासत है और प्रत्येक देश का दायित्व है कि ऐसे कदमों से बचे, जिससे अंतरिक्ष में सैन्यकरण हो।’

दूसरी तरफ पाकिस्तान का जिगरी दोस्त और सिपहसलार चीन भारत के मिशन शक्ति पर सधी हुई प्रतिक्रिया देता दिखाई दिया। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘हमने रिपोर्ट्स को देखा है और आशा करते हैं कि प्रत्येक देश आउट स्पेस में शांति बनाए रखेगा।’