2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सत्ता में वापसी कराने के लिये भाजपा के चुनावी चाणक्य अमित शाह ने ऐसी रणनीति बनाई है जिससे विरोधी खेमा पस्त हो जाएगा। दरअसल यह रणनीति है आक्रामक चुनाव प्रचार की। भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में आक्रामक तरीके से प्रचार कर रही है। इतना ही नहीं पार्टी ने इसके लिये अपने 11 लाख कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण भी दिया है।
भाजपा के महासचिव पी. मुरलीधर राव की मानें तो भाजपा विपक्ष को हावी होने का कोई अवसर नहीं देना चाहती है। इसीलिये उसने देश भर में धुँआधार प्रचार करने की रणनीति अपनाई है। इसके लिये 11 लाख कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार किया है, जो विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में गली-मोहल्लों में जाकर मतदाताओं की छोटी-छोटी सभाएँ करके न सिर्फ उनसे रूबरू जनसंपर्क करेंगे बल्कि उन्हें मोदी सरकार की ओर से सामान्य लोगों के लिये किये गये कार्यों और भाजपा की विचारधारा की जानकारी भी देंगे।
पी. मुरलीधर राव के मुताबिक इन कार्यकर्ताओं को इस तरह से प्रशिक्षित किया गया है कि वह विपक्ष की न्याय योजना और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर आम जनता के साथ चर्चा करेंगे और उन्हें बताएँगे कि कैसे मोदी सरकार ने लोगों को अपने स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिये मुद्रा योजना के तहत 5 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक का ऋण देकर समृद्ध बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। इसके अलावा गंभीर प्रकार के रोगों के महंगे उपचार से राहत देने के लिये 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का विकल्प दिया है। इन कार्यकर्ताओं को आम जनता की ओर से पूछे जाने वाले हर सवाल का उत्तर देने के लिये ही विशेष रूप से तैयार किया गया है।
इतना ही नहीं, पी. मुरलीधर राव तो यहाँ तक दावा करते हैं कि 2014 के बाद ऐसे प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की संख्या में पाँच गुना बढ़ोतरी की है। यह ताकत केवल भाजपा के पास है, अन्य किसी के पास नहीं है। हमारी पार्टी का कैडर वैचारिक रूप से ही प्रेरित और संचालित है, यही हमारी मुख्य ताकत है।