गुजरात में 25 अगस्त, 2015 को लगभग 65-70 लाख पाटीदारों के मजबूत नेता बन कर उभरे हार्दिक पटेल 11 मार्च, 2019 तक अधिकृत रूप से विशुद्ध पाटीदार नेता थे, 12 मार्च को जैसे ही उन्होंने अहमदाबाद में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में पहुँच कर कांग्रेस की सदस्यता हासिल की, तब से हार्दिक पटेल के अच्छे दिन मानों पूरे हो गए। कभी पाटीदार समुदाय के हीरो के रूप में जबर्दश्त वर्चस्व रखने वाले हार्दिक पटेल को पहले कानूनी तमाचे के आगे मिशन महत्वाकांक्षा पर ब्रेक लगाने पर मजबूर होना पड़ा, तो अब कथित ग़द्दारी के चलते हार्दिक को सरेआम मंच पर थप्पड़ खाना पड़ा।
कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए हार्दिक पटेल को अपने पाले में ले लिया, परंतु हार्दिक पटेल का यह कदम उन पर दृढ़ विश्वास कर चुके लाखों पाटीदारों को नगँवार गुजरा। हार्दिक के कांग्रेस जॉइन करने के साथ ही अनेक पाटीदार नेताओं, पाटीदार समुदाय के अग्रणियों और पाटीदार समुदाय के आम लोगों ने समय-समय पर नाराज़गी जाहिर की और कइयों ने तो यहाँ तक कह दिया कि हार्दिक ने कांग्रेस में शामिल होकर पाटीदार समुदाय के साथ ग़द्दारी की है।
हार्दिक को कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही लगातार अपने ही पाटीदार समुदाय के विरोध का सामना करना पड़ा है। ऐसी ही एक घटना आज सुरेन्द्रनगर जिले में वढवाण तहसील के बलदाणा गाँव में घटी, जहाँ कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव सभा को संबोधित कर रहे हार्दिक पटेल को एक शख्स ने अचानक मंच पर आकर चाँटा जड़ दिया। इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
कांग्रेस जॉइन करते ही हार्दिक के ‘बुरे दिन’शुरू ?

गुजरात से मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी की दिल्ली विदाई के साथ ही उभरे हार्दिक पटेल देखते ही देखते पाटीदारों के सबसे बड़े मुखिया तो बन गए, परंतु उनकी राजनीति का एक तार भाजपा-मोदी विरोध के साथ-साथ कहीं न कहीं कांग्रेस से जुड़ा हुआ था और यह बात उस समय सिद्ध भी हो गई जब हार्दिक ने गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 से पहले राहुल गांधी से गोपनीय मुलाकात की और लोकसभा चुनाव 2019 से ऐन पटले हार्दिक कांग्रेस में शामिल भी हो गए, परंतु हार्दिक पटेल ने जब से कांग्रेस जॉइन की है, तब से उनके साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है। 11 मार्च, 2019 तक पाटीदारों के मजबूत नेता माने जाने वाले हार्दिक पटेल कई बार विवादों में फँसने के बावजूद अपनी छवि बनाए रखने में सफल रहे, परंतु 12 मार्च, 2019 को कांग्रेस में शामिल होते ही मानो हार्दिक के बुरे दिन शुरू हो गए। सबसे पहला झटका लगा उन्होंने अदालत से, जिसने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘पाटीदार’ और हार्दिक पटेल के ‘महत्वाकांक्षा’ मिशन पर पानी फेर दिया। मेहसाणा के विसनगर में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए दंगों में दोषी और कारावास की सजा से झेल रहे हार्दिक तब तक चुनाव नहीं लड़ सकते थे, जब तक कि उनकी उनकी सजा पर रोक न लग जाए। सजा पर रोक लगाने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय (HC) से लेकर उच्चतम् न्यायालय (SC) तक दौड़ लगाई, परंतु सुप्रीम कोर्ट उनकी मदद करता, उससे पहले गुजरात में नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि निकल गई और हार्दिक चुनाव नहीं लड़ सके। सुप्रीम कोर्ट में अभी भी हार्दिक की सजा पर रोक की मांग करने वाली याचिका लंबित है, परंतु अब फैसला कोई भी आए, हार्दिक गुजरात के चुनावी मैदान से बाहर हो गए। कांग्रेस जॉइन करने के बाद हार्दिक को यह पहला झटका लगा, उसके बाद कल उनके हेलिकॉप्टर को जहाँ उतारा गया, उस जमीन के मालिक, जो पाटीदार समुदाय के ही हैं, ने विरोध किया। अब आज हार्दिक को सरेआम तमाचा मार दिया गया।
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