रिपोर्ट : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद 14 अगस्त, 2019 (युवाPRESS)। 26 फरवरी, 2019 को जब सूर्योदय हुआ, तो पाकिस्तान स्तब्ध था और भारत में जश्न मनाया जा रहा था। 14 फरवरी, 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले का प्रतिशोध भारत ले चुका था। पाकिस्तान को कानों-कान ख़बर तक नहीं हुई। भारतीय वायुसेना (IAF) के जवान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में घुसे और बालाकोट स्थित आतंकवादियों का ख़ात्मा कर सुरक्षित वापस लौट आए। भारतीय वायुसेना के जो विमान बालाकोट एयर स्ट्राइक करने के लिए पीओके में घुसे थे और आतंकवादियों पर 1000 किलो बम बरसाए थे, उन विमानों के पायलट सहित समग्र एयर स्ट्राइक में शामिल जवानों के नाम गोपनीय रखे गए थे, परंतु पूरे 5 महीनों और 19 दिनों (169 दिनों) के बाद मोदी सरकार ने विमानों के पालयटों के नामों का खुलासा कर दिया है।
मोदी सरकार देगी वायुसेना पदक

दरअसल सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए जाने वाले वीरता पुरस्कारों की घोषणा की है और इन वीरता पुरस्कारों में इस बार बालाकोट एयर स्ट्राइक में भाग लेने वाले छाए हुए हैं। मोदी सरकार ने एयर स्ट्राइक के बाद के घटनाक्रम में पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराने वाले और पाकिस्तान के चंगुल से सीना चौड़ा कर सुरक्षित वापस लौट आने वाले आईएएफ के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को वीर चक्र से सम्मानित करने का निर्णय किया है, वहीं सरकार ने एयर स्ट्राइक करने वाले वायुसेना के पाँच पायलटों को वायुसेना पदक से सम्मानित करने का निर्णय किया है। ऐसे में इन पायलटों के नामों का 5 महीने 19 दिन बाद रहस्योद्घाटन हो गया है। पीओके में आतंकवादियों पर 1000 किलो बमों से बारूद बरसाने वाले इन पायलटों के नाम हैं विंग कमांडर अमित रंजन, स्क्वॉड्रन लीडर्स राहुल बोसाया, पंकज भुजडे, बीकेएन रेड्डी और शशांक सिंह। इन्हीं पायलटों ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में आतंकवादी जैश ए मोहम्मद (JEM) के ठिकानों पर हमले किए थे। ये सभी पायलट मिराज 2000 लड़ाकू विमान के पायलट हैं, जिन्होंने बड़ी ही सटीकता के साथ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और बहादुरी के साथ दुश्मन देश से सुरक्षित भारतीय सीमा में लौट आए।