अहमदाबाद 19 मई-2019। अगर आप अकाउंट से पैसे निकालने के लिये ATM और शॉपिंग का बिल चुकाने के लिये डेबिट-क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं तो आपको इन कार्ड्स का उपयोग करते समय बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। क्योंकि एटीएम कार्ड और क्रेडिट-डेबिट कार्ड से धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसने पुलिस के साथ-साथ साइबर क्राइम सेल को भी चिंता में डाल दिया है।

राजधानी दिल्ली में पूर्वी दिल्ली के तिलकनगर थाने में 10 दिन में 88 बैंक खातों से 19 लाख रुपये निकल जाने की शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया और अब ऐसे फ्रॉड मामलों का पर्दाफाश करने के लिये पुलिस साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ले रही है। यह धोखाधड़ी के मामले दिल्ली में तेजी से अलग-अलग इलाकों में फैलते जा रहे हैं और दिल्ली में रहने वाले लोगों के एटीएम और डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसी धोखाधड़ी देश भर में किसी के साथ भी कहीं भी हो सकती है। इसलिये सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है । विशेषज्ञों का कहना है कि एटीएम और डेबिट-क्रेडिट कार्ड को उपयोग करते समय सावधानी नहीं बरतने के कारण ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। यदि लोग सावधानी बरतें तो इन मामलों में तेजी से कमी आ सकती है।
डुप्लीकेट एटीएम तैयार करके होती है धोखाधड़ी
विशेषज्ञों का कहना है कि जालसाज़ लोग डुप्लीकेट एटीएम कार्ड बनाकर लोगों के खातों से पैसे निकाल लेते हैं। इसलिये लोगों को एटीएम कार्ड का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिये। विशेषज्ञों के अनुसार कई तरह की कार्ड स्किमर डिवाइस होती हैं।
इसलिये एटीएम में जिस स्थान पर आप अपना एटीएम कार्ड डालते हैं, वहाँ कार्ड डालने से पहले चेक कर लीजिये कि स्लॉट के ऊपर कोई अन्य चीज़ तो नहीं लगी है। क्योंकि उस पर लगी स्किमर डिवाइस मशीन का ही हिस्सा लगती है, लेकिन वह वास्तव में मशीन का हिस्सा नहीं होती है और यह स्किमर जालसाज़ लोग स्लॉट के ऊपर लगा देते हैं, जिससे आपके कार्ड की पूरी जानकारी उसमें आ जाती है।
एटीएम से पैसे निकालते समय आसपास की दीवारों तथा एटीएम मशीन के की बोर्ड के आसपास भी देखें कि कहीं वहाँ कोई कैमरा तो नहीं लगा है। यदि किसी मशीन पर आपको जरा-सा भी शक़ हो तो उसे उपयोग न करें तथा बैंक या वहाँ उपस्थित कर्मचारी को इसकी जानकारी दें। एटीएम से पैसे निकालते समय अपने आसपास किसी व्यक्ति को खड़ा न होने दें, संभव है कि वही व्यक्ति आपका एटीएम पिन देखकर आपके साथ धोखाधड़ी करने वाला हो। की बोर्ड पर भी एटीएम पिन डालने से पहले अपने दूसरे हाथ से की बोर्ड को कवर करके ही पिन डालें।
क्रेडिट-डेबिट कार्ड खुद ही स्वाइप करें

विशेषज्ञों का कहना है कि कार्ड स्किमर डिवाइस में क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करने पर उस कार्ड की संपूर्ण जानकारी कंप्यूटर या लैपटॉप में आ जाती है। इसके बाद खाली कार्ड लेकर एडवांस्ड प्रिंटर के माध्यम से क्लोन किये गये कार्ड की सारी जानकारी उस खाली कार्ड पर प्रिंट कर दी जाती है। कई बार ऑरिजिनल कार्ड जैसा ही डुप्लीकेट या क्लोन्ड क्रेडिट-डेबिट कार्ड तैयार करके धोखाधड़ी की जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार होटल, पेट्रोल पंप, शॉपिंग की जगहों पर आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है।
स्किमिंग, क्लोनिंग और फिशिंग से डेटा की चोरी
क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग के जरिये डुप्लीकेट कार्ड बनाकर लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं। दरअसल क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करने के दौरान ही कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप पर दर्ज डेटा को चुरा लिया जाता है। इसके बाद डुप्लीकेट कार्ड तैयार करके जालसाज़ शॉपिंग कर लेते हैं और आपके खाते से पैसा भरपाई कर देते हैं।
फिशिंग में साइबर क्रिमिनल, कार्ड धारक के बैंक की ईमेल आईडी से मिलती-जुलती फर्जी ईमेल आईडी तैयार करके उस फर्जी ईमेल आईडी से कस्टमर को मेल भेजकर सीक्रेट डेटा मँगाते हैं। इसी प्रकार बैंक से मिलती-जुलती वेबसाइट भी बनाते हैं। जैसे ही आप बैंक की साइट खोलते हैं तो उसी लिंक से फर्जी साइट भी खुल जाती है। इस वेबसाइट में आप जैसे ही अपने कार्ड का नंबर और पासवर्ड एंटर करते हैं, वैसे ही उसकी जानकारी जालसाज़ों तक पहुँच जाती है।
इसीलिये यदि कोई आपसे कहे कि लाइये आपका कार्ड दीजिये मैं स्वाइप करके आपको देता हूँ तो सावधान हो जाइये और अपने सामने ही स्वाइप करवाएँ तथा पासवर्ड स्वयं ही डालें। इसी प्रकार लालच देने वाले फर्जी मेल और वेबसाइटों से भी सावधान रहें। समय-समय पर अपने डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर बदलते रहें। इस प्रकार की सावधानियाँ बरतने से आप जालसाज़ों का शिकार होने से बच सकते हैं।