अहमदाबाद, 27 जून 2019 (युवाप्रेस डॉट कॉम)। एक तरफ तो सरकार डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दे रही है। दूसरी तरफ नेट बैंकिंग से धोखाधड़ी के मामलों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। यदि आप सोच रहे हैं कि आप किसी को वन टाइम पासवर्ड (OTP) नहीं बताकर सुरक्षित रह सकते हैं तो यह आपकी भूल है। जालसाज़ बिना ओटीपी के भी अकाउंट साफ कर रहे हैं। हम आपको यहाँ बताएँगे कि कैसे बैंक अकाउंट खाली हो सकता है और यह भी कि कैसे आप इस धोखाधड़ी से सुरक्षित रह सकते हैं।
इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन को करवाएँ बंद

यदि आपका एटीएम / डेबिट कार्ड खो जाता है या चोरी हो जाता है और किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग जाता है तो वह बिना आपका पिन नंबर या ओटीपी जाने भी आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकता है। आजकल इंटरनेट पर काफी सारी ऐसी इंटरनेशनल वेबसाइट्स हैं, जिन पर आप बिना ओटीपी के भी शॉपिंग कर सकते हैं। इन वेबसाइट्स पर आपको मात्र अपने डेबिट कार्ड का नंबर और कार्ड वेरिफिकेशन कोड (CVV) नंबर ही देना होता है, जिसके बाद आपके बैंक खाते से पैसे निकल जाते हैं। यदि आप नेट बैंकिंग की धोखाधड़ी से बचना चाहते हैं तो आपको अपने एटीएम/डेबिट कार्ड के इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन को बंद करवा देना चाहिये। इसके लिये आप अपने बैंक के कस्टमर केयर में कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा अपने नजदीकी बैंक में जाकर भी एटीएम की इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन बंद करवा सकते हैं और ऑनलाइन स्वयं भी एटीएम/डेबिट कार्ड की इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन बंद कर सकते हैं।
केन्द्र सरकार देश में डिजिटल लेन-देन यानी नेट बैंकिंग को बढ़ावा दे रही है। सरकार को वर्ष 2021 तक देश में डिजिटल लेन-देन चार गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। डिजिटल लेन-देन ग्राहकों के लिये लाभदायी तो है, क्योंकि इससे उन्हें अपना कीमती समय देकर घण्टों तक बैंकों की कतारों में खड़ा नहीं रहना पड़ता है और मात्र एक क्लिक से सारे बिल घर बैठे मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से क्लियर कर सकते हैं। हालाँकि डिजिटल लेन-देन जितना सुविधाजनक है, उतना ही इसमें खतरा भी है, क्योंकि जालसाज़ नेट बैंकिंग के जरिये ही देश-विदेश में बैठे-बैठे आपके अकाउंट से पैसा निकालकर उसे खाली कर रहे हैं।
नेट बैंकिंग के लिये सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग न करें

हालांकि कुछ सावधानियाँ बरतने पर आप अपने बैंक अकाउंट को सुरक्षित रख सकते हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिये आपको बैंकिंग का उपयोग करते समय किसी असुरक्षित WiFi नेटवर्क का उपयोग नहीं करना चाहिये। यदि ऐसा करेंगे तो आपकी जानकारी आसानी से हैक की जा सकती है और आपका बैंक अकाउंट साफ हो सकता है। इसलिये नेट बैंकिंग का उपयोग करते समय सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग करने से बचना चाहिये।
नेट बैंकिंग के लिये वेरिफाइड या भरोसेमंद ब्राउज़र का ही उपयोग करना चाहिये। यदि अनऑथेंटिक साइट से कोई एप या सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं तो आपके साथ धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि उसमें बग या वायरस हो सकता है। आपको अपने मोबाइल या लैपटॉप में एंटी-वायरस प्रोटेक्शन सिस्टम रखना चाहिये ताकि वायरस या साइबर अटैक से सतर्क रह सकें। ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिये आपका पासवर्ड सुरक्षित रहना जरूरी है। आपके नेट बैंकिंग का पासवर्ड को जालसाज हैक कर सकते हैं। इसलिये आवश्यक है कि अपना पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें। यदि पासवर्ड में विशेष कैरेक्टर और न्यूमरल को शामिल करते हैं तो वो भी ज्यादा सुरक्षित हो सकता है। अपने नेट बैंकिंग का पासवर्ड, ओटीपी, पिन, सीवीवी और यूपीआई पिन को किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिये। अगर पासवर्ड भूल जाएँ तो उसकी रिकवरी स्मार्ट तरीके से कर सकते हैं। धोखाधड़ी से बचने के लिये किसी फिशिंग ई-मेल पर कभी क्लिक नहीं करना चाहिये और ऑनलाइन भुगतान में हमेशा वन टाइम पासवर्ड ओटीपी का विकल्प ही चुनना चाहिये, इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।