नई दिल्ली: भारतीय थलसेना जनरल बिपिन रावत के खिलाफ सियासी घमासान जारी हो गया है। यह घमासान इसलिये हुआ है कि बिविन रावत ने असम के दो राजनीतिक पार्टी AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) और BJP पर कमेंट किया था। उन्होने एक कार्यक्रम के अनुसार यह कहा था कि इस राज्य में BJP से भी ज्यादा तेजी से AIUDF बढ़ रही है। AIUDF का विकास बीजेपी पार्टी से बहुत ज्यादा अधिक हुआ है, केवल इतना ही नहीं बल्कि AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) मुस्लिम की आवाज उठता है जिसके मुखिया इत्र व्यापारी बदरुद्दीन अजमल। उधर AIUDF पार्टी के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने Bipin Rawats पर पलटवार करते हुए काहा कि हमारी पार्टी बढ़ रही है तो सेना प्रमुख को चिंता क्यों हो रही है।
करीबन 10-12 साल के छोटे से राजनीतिक सफर में असम की राजनीति में अजमल की हैसियत का अंदाजा आसानी से लगाया जाता है। इनकी 18 विधायकों और तीन सांसदों के साथ राज्य की इनकी अभी तक की सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है। मौलाना असदुद्दीन ओवैसी से भी बड़े खिलाड़ी माने जा रहे हैं और इसी के वजह से ये मुस्लिम बहुत ही लोकप्रिय हो रहे हैं। कुछ लोग इन्हें किंगमेकर के रूप में देखता है तो दूसरी और इन्हें बदरुद्दीन की और बड़ी ताकत बनते हुए देखना चाहते हैं। इंडियन आर्मी के अनुसार जर्नल Bipin Rawats ने अपने बयान में राजनीतिक या धर्म से जुड़ा हुआ कुछ भी नही कहा है। भारत में अशांति फैलाने के लिए अवैध आबादी को भारत में भेजे जाने के लिए वोट बैंक की राजनीति को जनरल रावत के द्वारा दोषी ठेहराया गया है।
2005 एयूडीएफ के नाम से पार्टी का गठन हुआ था। इसके बाद 2009 में इसका नाम एयूडीएफ से बदलकर AIUDF रख दिया गया था। साथ ही इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी लांच किया गया था। इस पार्टी की शुरुआत मौलाना बदरुद्दीन अजमल द्वारा की गयी थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों को शह देने का आरोप भी इसी पार्टी पर लगाया गया हैं। 2016 के चुनाव में पार्टी ने 13 सीटें जीती और यह AIUDF असम में मुख्य विपक्षी दल भी है।