नई दिल्ली: रैप (Rape) की शिकार हुई महिलायें कुछ आत्महत्या कर लेती है, कुछ घर – परिवार की इज्ज़त न खराब होने के डर से चुप बैठ जाती है। इनमे से कुछ ही लड़कियां होती है, जो हिम्मत जुटा कर अपने आप के लिए खड़ी होती है। रैप हो या गैंगरेप दोनों ही बहुत घिनोनी हरकते है। कोई आम आदमी रैप या गैंगरेप (Gang rape) जैसी हरकते करे तो पुलिस, कानून द्वारा अधिकतर केस में सज़ा दे दी जाती है। लेकिन जब किसी पोलिटिकल मेम्बर (Political Member) द्वारा ही यह घिनोनी हरकते कर दी जाए या फिर किसी गलतफहमी (misunderstanding) के कारण ये आरोप भी लगाया दिया जाय तो मुद्दा दबाने की कोशीश कर दी जाती है।
हाल ही में एक पीडिता ने बीजेपी (BJP) विधायक (MLA) कुलदीप सिंह सेंगर पर रैप (Rape) का आरोप लगाया था। जिसके बाद BJP विधायक (MLA) कुलदीप सिंह सेंगर ने सोमवार 9 अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। लेकिन मीडिया मोजूद होने के कारण कुलदीप सिंह को मीडिया से बात करनी पड़ी, जिस दौरान कुलदीप ने पीडिता समेत उसके परिवार को कहा की वह ‘निम्न स्तर के लोग‘ (Low Level People) और उन्हें इनसे कोई फर्क नही पड़ता क्योकि यह अपराधियों की साजिश है। उन पर जो भी आरोप लगाये गये है, वह सब गलत है, हो उनकी जांच की जायगी। यह कहकर वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए चले गये। मुलाकात के दौरान बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा आपने सफाई पेश करने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने चुप रहने के लिए बोल दिया। जैसे ही कुलदीप सिंह बाहर आये आये मीडिया ने फिर से उन्हें आपनी चपेट में ले लिया, लेकिन वह चुपी साध के वहा से खुद को बचाकर निकल गये।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) कहा की उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर को जांच करने के आदेश दे दिए गये है। साथ ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सरकार और कानून के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं होगी। जांच पड़ताल के बाद दोषियों को सज़ा दी जायगी।
जानिये क्या था असली मामला??
कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप और अपने पिता को मरवाने का आरोप उन्नाव स्तिथ एक लड़की द्वारा लगाया गया था| पीडिता का कहना यह है, की वर्ष 4 जून 2017 को कुलदीप सिंह सेंगर और उसके कुछ गुर्गों द्वारा उसका गैंगरेप (Gang rape) किया गया था। जिसके बाद उसने पुलिस में शिकयत दर्ज क्र्वेई तो कर्मचारियों ने उसमे से विधायक कुलदीप सिंह का नाम तक हटा दिया। रविवार को पीडिता समेत वह अपने परिवार के साथ लखनऊ (Lucknow) में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गये थे और साथ ही पीडिता आत्महत्या (suicide) करने की कोशिश भी कर रही थी| जिसके बाद सोमवार को उसके पिता की मौत हो गयी थी।