रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 3 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। भारतीय वायुसेना के 25वें अध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह धनोआ आगामी 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएँगे। इससे पहले उनके कार्यकाल में दुनिया की चौथे नंबर की सबसे ताकतवर वायुसेना यानी भारतीय वायुसेना ने कई अति विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल की। धनोआ के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना ने इसी साल पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की। इस एयर स्ट्राइक के बाद अगले दिन वायुसेना का विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के रूप में एक और पराक्रम दुनिया ने देखा। अब धनोआ की मौजूदगी में ही विश्व का सबसे ताकतवर लड़ाकू हेलीकॉप्टर कहलाने वाला अमेरिका का अपाचे हेलीकॉप्टर भी आज भारतीय वायुसेना का हिस्सा बना। इतना ही नहीं, अपने रिटायरमेंट से पहले धनोआ को एक और ऐतिहासिक घटना का साक्षी बनने का अवसर मिलने वाला है। फ्रांस के बहुचर्चित लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप भी भारत आने वाली है। यह खेप 19 से 21 सितंबर के बीच भारत पहुँच जाएगी।
बी. एस. धनोआ को जानिए…

बीरेन्द्र सिंह धनोआ का जन्म झारखंड के देवघर शहर में 7 सितंबर 1957 को हुआ है। उनके पिता सारायण सिंह आईएएस अधिकारी थे, जिन्होंने 1980 के दशक में पंजाब और बिहार सरकार में मुख्य सचिव के रूप में सेवाएँ दी तथा बाद में पंजाब के राज्यपाल के सलाहकार भी रहे। उनके दादा कैप्टन संत सिंह ने ब्रिटिश भारतीय सेना के कप्तान के रूप में दूसरा विश्व युद्ध लड़ा था। बी. एस. धनोआ भारतीय वायुसेना के लड़ाकू दल में जून-1978 में नियुक्त हुए थे। उन्होंने विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों को उड़ाया है। वह एक सुयोग्य उड़ान प्रशिक्षक हैं। उन्होंने एचजेटी-16 किरण, मिग-21, एसईपीईसीएटी जगुआर, मिग-29 और मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई सहित स्पेक्ट्रम में लड़ाकू विमान उड़ाए हैं। अभी 2 सितंबर को ही उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के साथ पठानकोट एयरबेस से मिग-21 लड़ाकू विमान में रिटायरमेंट से पहले आखिरी उड़ान भरी थी। 25वें एयर चीफ मार्शल धनोआ भी मिग-21 के पायलट रहे हैं। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध के समय वायुसेना की 17वीं स्क्वाड्रन की कमान सँभाली थी और मिग-21 विमान उड़ाया था। 30 मिनट की उड़ान के बाद धनोआ ने कहा था कि मेरे लिये अभिनंदन के साथ उड़ान भरना खुशी की बात है, क्योंकि उन्हें अपनी फ्लाइंग श्रेणी वापस मिल गई। उन्होंने कहा कि मुझे भी 1988 में फ्लाइंग श्रेणी से बाहर किया गया था, मुझे अपनी श्रेणी वापस लेने में 9 महीने का वक्त लगा था, जबकि अभिनंदन ने यह सफलता 6 महीने में ही हासिल कर ली। धनोआ ने कहा कि हम दोनों में कई चीजें समान हैं। जैसे कि हम दोनों ही अपनी श्रेणी से बाहर हुए और वापसी की। हम दोनों ने ही पाकिस्तानियों का मुकाबला किया। मैंने कारगिल में और अभिनंदन ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया। तीसरी बात यह है कि मैंने अभिनंदन के पिता के साथ भी उड़ान भरी है। यह मेरे लिये सम्मान की बात है कि मैंने मिग-21 की आखिरी सवारी उनके बेटे के साथ की।
उल्लेखनीय है कि धनोआ कारगिल युद्ध के दौरान जमीनी हमले करने वाली अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे और उनके नेतृत्व में स्क्वाड्रन ने ऊँचे इलाकों में रात में बमबारी के नये तरीकों का उपयोग किया था, जिन्हें पहले कभी नहीं किया गया था। इस लिये उनके स्क्वाड्रन को मुख्यालय डब्ल्यूएसी के सर्व श्रेष्ठ लड़ाकू स्क्वाड्रन के रूप में चुना गया था। उन्हें इस संघर्ष में अपने वीर कार्यों के लिये युद्ध सेवा मेडल (वाईएसएम) और वायु सेना मेडल (वीएम) से सम्मानित किया गया था। 17 दिसंबर 2016 को केन्द्र सरकार ने एयर मार्शल बीरेन्द्र सिंह धनोआ को भारतीय वायुसेना का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था और धनोआ ने 31 दिसंबर 2016 को यह पद ग्रहण किया था। अब 30 सितंबर 2019 को वह इसी पद से सेवा निवृत्ति लेंगे। धनोआ 1999 में उपरोक्त दो पदकों से सम्मानित होने के अलावा 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और 2016 में परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) से सम्मानित हो चुके हैं। 1 अगस्त 2015 को राष्ट्रपति द्वारा उन्हें मानद एडीसी भी नियुक्त किया गया था। उनकी पत्नी का नाम कमलप्रीत है। उनका एक बेटा है जिसका नाम जसमान है और वह कानून स्नातक है।
भारतीय वायुसेना के 25 प्रमुखों की सूची
नाम कार्यकाल
एयर मार्शल सर थॉमस एमहर्स्ट | 15 अगस्त 1947 – 21 फरवरी 1950 |
एयर मार्शल सर रोनाल्ड चैपमैन | 22 फरवरी 1950 – 9 दिसंबर 1951 |
एयर मार्शल सर जेराल्ड गिब्स | 10 दिसंबर 1951 – 31 मार्च 1954 |
यर मार्शल एस. मुखर्जी | 01 अप्रैल 1954 – 8 नवंबर 1960 |
एयर मार्शल ए.एम. इंजीनियर | 01 दिसंबर 1960 – 31 जुलाई 1964 |
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह | 01 अगस्त 1964 – 15 जुलाई 1969 |
एयर चीफ मार्शल पी.सी. लाल | 16 जुलाई 1969 – 15 जनवरी 1973 |
एयर चीफ मार्शल ओ.पी. मेहरा | 16 जनवरी 1973 – 31 जनवरी 1976 |
एयर चीफ मार्शल एच. मुलगांवकर | 01 फरवरी 1976 – 31 अगस्त 1978 |
एयर चीफ मार्शल आई.एच. लतीफ | 01 सितंबर 1978 – 31 अगस्त 1981 |
एयर चीफ मार्शल दिलबाग सिंह | 01 सितंबर 1981 – 4 सितंबर 1984 |
एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे | 05 सितंबर 1984 – 1 जुलाई 1985 |
एयर चीफ मार्शल डी.ए. ला फोंतेन | 03 जुलाई 1985 – 31 जुलाई 1988 |
एयर चीफ मार्शल एस.के. मेहरा | 01 अगस्त 1988 – 31 जुलाई 1991 |
एयर चीफ मार्शल एन.सी. सूरी | 01 अगस्त 1991 – 31 जुलाई 1993 |
एयर चीफ मार्शल एस.के. कौल | 01 अगस्त 1993 – 31 दिसंबर 1995 |
एयर चीफ मार्शल एस.के. सरीन | 01 जनवरी 1996 – 31 दिसंबर 1998 |
एयर चीफ मार्शल ए.वाई. टिपनिस | 01 जनवरी 1999 – 31 दिसंबर 2001 |
एयर चीफ मार्शल एस. कृष्णास्वामी | 31 दिसंबर 2001 – 31 दिसंबर 2004 |
एयर चीफ मार्शल एस. पी. त्यागी | 31 दिसंबर 2004 – 31 मार्च 2007 |
एयर चीफ मार्शल एफ एच मेजर | 31 मार्च 2007 – 31 मई 2009 |
एयर चीफ मार्शल पीवी नाईक | 01 जून 2009 – 31 जुलाई 2011 |
एयर चीफ मार्शल नारमन अनिल कुमार ब्राउन | 31 जुलाई 2011 से 31 दिसंबर 2013 |
यर चीफ मार्शल अरूप राहा | 31 दिसंबर 2013 – 31 दिसंबर 2016 |
एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ | 31 दिसंबर 2016 – अब तक |
अपाचे के आने से बढ़ी वायुसेना की ताकत

अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे के भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में और बढ़ोतरी हुई है। भारतीय वायुसेना के पास मिग-21 बाइसन, मिग-27, मिग-29, मिराज-2000, जगुआर, सुखोई-30 एमकेआई और स्वदेशी तेजस फाइटर जेट के बाद अब अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी शामिल हो गया है। अभी 8 अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप प्राप्त हुई है, जिन्हें पठानकोट एयरबेस के बेड़े में शामिल किया गया है। शेष 14 हेलीकॉप्टर 2020 तक भारत को प्राप्त होंगे। इसके अलावा शीघ्र ही फ्रांस का अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट भी वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बनेगा, जिसकी पहली खेप भी इसी महीने भारत आने वाली है। इसके लिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख धनोआ खेप लेने के लिये पेरिस जा सकते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भारतीय वायुसेना में धनोआ का कार्यकाल सुनहरा, यादगार रहने वाला है।