बॉलीवुड में खिलाड़ी सीरीज़ की फिल्में करके खिलाड़ी कुमार के नाम से पहचान बनाने वाले अभिनेता अक्षय कुमार आज-कल राजनीति के खिलाड़ियों के खेल में फंस गये हैं। अपनी नागरिकता को लेकर इस अभिनेता को राजनीतिक आलोचनाओं से दो-चार होना पड़ रहा है। वास्तविकता यह है कि जब से इस राउड़ी राठौड़ ने देश के महानायक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू किया है, तब से ही वह मोदी विरोधी राजनेताओं के राडार में आ गये हैं और मोदी विरोधी खेमा उनकी दोहरी नागरिकता को लेकर देश में उनके विरुद्ध नकारात्मक माहौल बनाने के प्रयासों में जुट गया है।
मगर यहाँ एक बात कहनी होगी कि अक्षय कुमार का भारत प्रेम और देशप्रेम अक्षय है, अक्षुण्ण है। वे एक ऐसे ज़िंदादिल व्यक्ति हैं, जो भारत में रह कर भारत भक्ति ही करते हैं। अक्षय की देशभक्ति पर सवाल उठाने वालों को यह जान लेना चाहिए कि अक्षय की देशभक्ति देश के उन तथाकथित ‘जयचंदों’ से कहीं अधिक है, जो सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं, जो भारत में रह कर कश्मीर के लिए अलग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मांग करते हैं, जो भारत में रह कर ये कहने से नहीं हिचकते कि यदि कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाई गईं, तो कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं रह जाएगा।
आपने अनिल कपूर अभिनीत फिल्म नायक देखी होगी, जिसमें अनिल कपूर ने एक पत्रकार की भूमिका निभाई है। इस फिल्म में अनिल कपूर अपने प्रदेश के सीएम का इंटरव्यू करने के बाद राजनीति के चक्र में ऐसे फँसते हैं कि उन्हें भी आखिरकार राजनीति के दलदल में उतरना पड़ता है। हालाँकि बॉलीवुड के यह रुस्तम यानी अक्षय कुमार सन्नी देओल और उर्मिला मातोंडकर की तरह राजनीति में भी नहीं आ सकते और यहाँ तक कि मतदान भी नहीं कर सकते हैं।
दरअसल अक्षय कुमार भारत के अलावा कनाडा के भी नागरिक हैं। भारत के सिटीजनशिप एक्ट 1955 की अनुसूचि 9 के अनुसार यदि किसी भारतीय नागरिक को अन्य देश की भी नागरिकता प्राप्त है, तो ऐसा व्यक्ति भारत में मतदान करने का अधिकारी नहीं है और न ही वह चुनाव लड़ सकता है। इसीलिये भारत का यह ‘केसरी’ भारत में मतदान भी नहीं करता है। इसी को लेकर विरोधी खेमे को अक्षय कुमार की आलोचना करने का अवसर मिल गया।
खिलाड़ी कुमार ने लोकसभा चुनाव के चौथे चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अराजनीतिक इंटरव्यू लिया था, जिसमें उन्होंने मोदी के साथ राजनीति से हटकर उनके निजी जीवन से जुड़े सवाल पूछे थे। यह इंटरव्यू मीडिया और सोशल मीडिया में खूब चर्चित हुआ। यह इंटरव्यू करके ही वह राजनीति के खिलाड़ियों के चक्रव्यूह में फंस गये।
राजनीतिक आलोचनाओं से आहत हुए अक्षय कुमार ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर अपना दर्द शेयर किया है। उन्होंने कहा कि समझ में नहीं आता कि उनकी नागरिकता को लेकर इतना नकारात्मक माहौल क्यों बनाया जाता है। उन्होंने इस बात को कभी नहीं छुपाया और न ही कनाडा की नागरिकता होने से इनकार किया है। यह भी सच है कि वह पिछले सात साल से कनाडा नहीं गये हैं।
इतना ही नहीं, अक्षय कुमार ने भारत के प्रति अपने प्रेम को जाहिर करते हुए भी लिखा है कि ‘मैं भारत में ही काम करता हूँ और यहीं का करदाता हूँ। उन्होंने कहा कि उन्हें इतने सालों में भारत को लेकर अपना प्रेम सिद्ध करने की कोई जरूरत नहीं पड़ी, वहीं मैं इस बात से निराश हूँ कि मेरी नागरिकता के मुद्दे को अकारण ही विवाद का मुद्दा बनाने का प्रयास किया जाता है।

आपको बता दें कि अक्षय कुमार का जन्म 9 सितम्बर-1967 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनका असली नाम राजीव भाटिया है और उनके पिता का नाम हरिओम भाटिया है। वह एक आर्मी अफसर रहे हैं। अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में देशभक्ति की कई फिल्में की हैं और यहाँ तक कि उन्हें आज के जमाने का मनोज कुमार कहा जाता है। फिल्मों में ही नहीं अक्षय कुमार ने रियल लाइफ में भी देशभक्ति के काम किये हैं। वह देश के सबसे अधिक कर देने वाले करदाता हैं। बंगलुरु में हुई मोलेस्टेशन की घटना हो या अन्य आपराधिक घटनाओं पर अक्षय कुमार ने कई बार वीडियो पोस्ट करके लोगों को देश भक्ति की सीख दी है और हर वीडियो के अंत में वह जय हिन्द बोलना भी नहीं चूकते हैं। एक नक्सली हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालों को अक्षय कुमार ने 9-9 लाख रुपये भी दिये थे।
इसके बावजूद ऐसा नहीं है कि खिलाड़ी कुमार इस विवाद में पहली बार फँसे हैं। इससे पहले जब अक्षय कुमार को 64वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड समारोह में फिल्म रुस्तम के लिये राष्ट्रीय अवॉर्ड के लिये चुना गया था, तब भी सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया था।