नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय लोगों को इस बजट में किसी तरह की राहत नहीं दी है। इनकम टैक्स छूट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टैक्स में छूट की जगह Standard deduction को वापस लाया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन लाने से हमें कितना फायदा होगा उससे पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार यह होता क्या है ? स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी कमाई का वो हिस्सा होता है जिसपर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता है। इस छूट का लाभ उठाने के लिए आपको किसी तरह के दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होती है।
Standard deduction के तहत 40 हजार की छूट
अरुण जेटली ने Standard deduction के तहत 40 हजार रुपए की छूट दी है। स्टैंडर्ड डिडक्शन उनके लिए है जो सैलरी वाले हैं। आपको इसके तहत कितनी छूट मिलेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप टैक्स स्लैब के किस दायरे में आते हैं। आपको ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। एक तरफ आपको 40 हजार रुपए की छूट दी गई है दूसरी तरफ मेडिकल अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस वापस ले लिया गया है। वर्तमान में मेडिकल अलाउंस के नाम पर 15 हजार रुपए टैक्स फ्री थे जबकि ट्रांसपोर्ट अलाउंस के लिए 19200 रुपए टैक्स फ्री थे। इस हिसाब से आपको केवल (40000-15000-19200=5800) 5800 रुपए की छूट दी गई है।
कैसे मिलेगा स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा
अभी 2.5 लाख की इनमक टैक्स फ्री है। 2.5 लाख से 5 लाख के बीच 5 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। 5-10 लाख के बीच इनकम वालों को 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर इनकम वालों को 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 5 फीसदी टैक्स स्लैब में 290 रुपए, 20 फीसदी टैक्स स्लैब में 1160 रुपए और 30 फीसदी टैक्स स्लैब वालों को 1740 रुपए का फायदा मिलेगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन को 2005 में तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने खत्म कर दिया था। मोदी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेस 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है। हालांकि पेंशनधारियों को इस बजट (Union budget 2018) में राहत मिली है।