रिपोर्ट : तारिणी मोदी
अहमदाबाद 30 दिसंबर, 2019 युवाPRESS। वर्ष 2019 अपनी समाप्ति पर है। आप में से कुछ लोग नये वर्ष में निवेश करने की उधेड़बुन में अवश्य होंगे। तो कहीं मत जाएये, क्योंकि आरबीआई बॉन्ड ( RBI bonds) ले कर आया है आपके लिए सुनहरा मौका। एफडी की तुलना में सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम्स (SCSS), प्रधानमंत्री व्यय वंदना योजना (PMVVY), नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSCs)और आरबीआई बॉन्ड (RBI bonds) पर बेहतर रिटर्न मिल रहा है। 2020 में एफडी की तुलना में इन विकल्पों का चयन किया जा सकता है। हालाँकि, PMVVY और SCSS केवल सीनियर सिटिजन्स के लिए है और दोनों स्कीम्स में अधिकतम 15-15 लाख तक निवेश कर सकते हैं, परंतु नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और आरबीआई बॉन्ड में कोई लिमिट नहीं है।
2019 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रीपो रेट में लगातार 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे लोन लेने वालों का तो फायदा हुआ था, परंतु फिक्स्ड इनकम में निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं बैंकों ने FD (फिक्स्ड डिपॉजिट्स) पर इंट्रेस्ट रेट को घटा दिया है। 5-10 साल की अवधि वाले डिपॉजिट्स पर SBI ने इंट्रेस्ट रेट घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया। सीनियर सिटिजन्स के लिए यह 6.75 फीसदी है। हालांकि मुकाबले में को-ऑपरेटिव बैंक ज्यादा इंट्रेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं।
जो निवेशक अब तक रेगुलर इनकम के लिए एफडी में निवेश करते आ रहे हैं उनके लिए रिजर्व बैंक का बॉन्ड एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें हर 6 महीने में पर 7.75 फीसदी का एश्योर्ड रिटर्न मिल रहा है। फिनविन फाइनैंशल प्लानर्स के फाउंडर मेलविन जोसेफ का कहना है कि बहुत सारे निवेशकों को इस सुविधा के बारे में पता ही नहीं है, इसलिए वे एफडी में ही निवेश करते आए हैं, हालाँकि NRI निवेशक इस बॉन्ड का लाभ नहीं उठा पाएँगे।
RBI बॉन्ड एक टैक्सेबल पॉलिसी है, जिसकी होता फेस वैल्यू 1000 रुपये है और इससे न्यूनतम निवेश किया जा सकता है। चूँकि इसमें निवेश करने की सीमा नहीं है।, अतः निवेशक कितनी भी राशि निवेश कर सकता है। इस बॉन्ड की अवधि 7 वर्षों की है। अगर निवेशक हर 6 महीने पर रिटर्न नहीं लेता है, तो 7 वर्ष के बाद उसे हर बॉन्ड के बदले 1703 रुपये मिलेंगे। वहीं यदि वह रिटर्न लेता है, तो वर्ष में 2 बार पहला 1 अगस्त और दूसरा 1 फरवरी को रिटर्न मिलेगा। सीनियर सिटिजन्स के लिए रिजर्व बैंक का बॉन्ड निवेश के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि 60-70 उम्र के बुजुर्ग के लिए लॉक-इन पीरियड 6 वर्ष, 70-80 वर्ष के उम्र के बुजुर्ग के लिए लॉक-इन पीरियड 5 वर्ष और 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए लॉक-इन पीरियड 4 वर्ष का है।
रिपोर्ट : तारिणी मोदी अहमदाबाद 30 दिसंबर, 2019 युवाPRESS। वर्ष 2019 अपनी समाप्ति पर है। आप में से कुछ लोग नये वर्ष में निवेश करने की उधेड़बुन में अवश्य होंगे। तो कहीं मत जाएये, क्योंकि आरबीआई बॉन्ड ( RBI bonds) ले कर आया है आपके लिए सुनहरा मौका। एफडी की तुलना में सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम्स (SCSS), प्रधानमंत्री व्यय वंदना योजना (PMVVY), नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSCs)और आरबीआई बॉन्ड (RBI bonds) पर बेहतर रिटर्न मिल रहा है। 2020 में एफडी की तुलना में इन विकल्पों का चयन किया जा सकता है। हालाँकि, PMVVY और SCSS केवल सीनियर सिटिजन्स के लिए है और दोनों स्कीम्स में अधिकतम 15-15 लाख तक निवेश कर सकते हैं, परंतु नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और आरबीआई बॉन्ड में कोई लिमिट नहीं है। 2019 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रीपो रेट में लगातार 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे लोन लेने वालों का तो फायदा हुआ था, परंतु फिक्स्ड इनकम में निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं बैंकों ने FD (फिक्स्ड डिपॉजिट्स) पर इंट्रेस्ट रेट को घटा दिया है। 5-10 साल की अवधि वाले डिपॉजिट्स पर SBI ने इंट्रेस्ट रेट घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया। सीनियर सिटिजन्स के लिए यह 6.75 फीसदी है। हालांकि मुकाबले में को-ऑपरेटिव बैंक ज्यादा इंट्रेस्ट रेट ऑफर कर रहे हैं। जो निवेशक अब तक रेगुलर इनकम के लिए एफडी में निवेश करते आ रहे हैं उनके लिए रिजर्व बैंक का बॉन्ड एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें हर 6 महीने में पर 7.75 फीसदी का एश्योर्ड रिटर्न मिल रहा है। फिनविन फाइनैंशल प्लानर्स के फाउंडर मेलविन जोसेफ का कहना है कि बहुत सारे निवेशकों को इस सुविधा के बारे में पता ही नहीं है, इसलिए वे एफडी में ही निवेश करते आए हैं, हालाँकि NRI निवेशक इस बॉन्ड का लाभ नहीं उठा पाएँगे। RBI बॉन्ड एक टैक्सेबल पॉलिसी है, जिसकी होता फेस वैल्यू 1000 रुपये है और इससे न्यूनतम निवेश किया जा सकता है। चूँकि इसमें निवेश करने की सीमा नहीं है।, अतः निवेशक कितनी भी राशि निवेश कर सकता है। इस बॉन्ड की अवधि 7 वर्षों की है। अगर निवेशक हर 6 महीने पर रिटर्न नहीं लेता है, तो 7 वर्ष के बाद उसे हर बॉन्ड के बदले 1703 रुपये मिलेंगे। वहीं यदि वह रिटर्न लेता है, तो वर्ष में 2 बार पहला 1 अगस्त और दूसरा 1 फरवरी को रिटर्न मिलेगा। सीनियर सिटिजन्स के लिए रिजर्व बैंक का बॉन्ड निवेश के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि 60-70 उम्र के बुजुर्ग के लिए लॉक-इन पीरियड 6 वर्ष, 70-80 वर्ष के उम्र के बुजुर्ग के लिए लॉक-इन पीरियड 5 वर्ष और 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए लॉक-इन पीरियड 4 वर्ष का है।
2020 में करने जा रहे हैं निवेश, तो पहले पढ़ लें ये ख़बर….
2020 में करने जा रहे हैं निवेश, तो पहले पढ़ लें ये ख़बर….
2019-12-30
YuvaPress News
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