जाने हिंदू नववर्ष संवत् 2018 कब शुरू हो रहा है और इसका क्या महत्व है?
नई दिल्ली: हर बार हिंदू नववर्ष का प्रराम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है। इस बर यह संवत् 2075 और चैत्र नवरात्री 2018 (Chaitra Navratri 2018) की शुरुआत 18 मार्च से हो रहा है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार जिस दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का उदयकाल होता है उसी दिन से वैदिक नया साल अथार्त हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है। बता दें कि संपूर्ण विश्व में नाया साल पहली जनवरी से शुरू होता है लेकिन सनातनी परंपरा के अनुसार, नया साल चंद्र गणना पर आधारित काल गणना करने पर होता है। इसी आधार पर संवत साल की गणना की जाती है। वैसे हिंदू मान्यता के अनुसार ब्रम्हा जी ने सृष्टि को बनाया है। चंद्रमा गणना की पध्दति के अनुसार चंद्रमा की सोलहों कलाओं के आधार पर दो पक्ष 1-1 महिने का माना जाता है।
हिंदू नव वर्ष को विक्रम संवत् क्यों कहा जाता है?
ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन महाराजा विक्रमादित्य ने शक क्षत्रपों को परास्त कर विक्रम संवत का प्रारंभ किया था। इसके बाद उन्होने अपने शासन काल में एक कैलेंडर भी जारी किया था, जिसे बाद में विक्रम संवत् नाम दिया गया था। इसी के अनुसार हर साल नवरात्र के पहले दिन से हिंदू नव वर्ष शुरू हो जाता है। बता दें कि राजा विक्रमादित्य ने जीत के बाद उन्होने अपने राज्य का विस्तार किया था और प्रजा के सभी तरह के कर्जों को माफ करने का ऐलान किया था। पहला विक्रम संवत् 57 ईसा पूर्व जारी किया गया था।
हिंदू नव संवत 2075 का प्रारंभ
सनातन धर्म के अनुसार जैसे ही होली का पर्व खत्म होता है हिंदू नव वर्ष की तैयारी शुरू हो जाती है। इसी दिन से चैत्र महिने में होने वाले नवरात्री के पर्व की तैयारी भी शुरू हो जाती है। इस बार नव वर्ष 18 मार्च 2018 से शुरू हो रहा है और इसके साथ ही नवरात्री की शुरुआत भी हो जायेगी। हिंदू नववर्ष को वैदिक नववर्ष भी कहते हैं।
चैत्र नवरात 2018 (Chaitra Navratri 2018) में मा दुर्गा का नौ स्वरूप
18 मार्च 2018 से चैत्र नवरात्री की शुरूआत हो रही है। नवरात्री आने के पहले दिन से ही बाजार से लेकर मौल तक सज जाते हैं। वैदिक ग्रंथों के अनुसार इस संसार को बचाए रखने के लिए कई युगों से देव और दानवों में हमेशा से लड़ाई होती रही है। इसी क्रम में मां दुर्गां ने कई सारे असुरों जैसे रक्तबीज, महिषासुर आदि का वद किया था और देवताओं और अपने भक्तों का कल्याण लिए मां भगवती दुर्गा मां ने नौ रूपों जैसे मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, कूष्माण्डा मां, स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता को प्रकट किया। हिंदू नववर्ष (Chaitra Navratri 2018) के शुरूआत के नौ दिन इन माता के रूपों को पूजा किया जाता है।
चैत्र नवरात्री 2018 (Chaitra Navratri 2018) की प्रमुख तिथियां –
18 मार्च 2018 (रविवार) : चैत्र नवरात्री के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी।
19 मार्च 2018 (सोमवार) : चैत्र नवरात्री के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी।
20 मार्च 2018 (मंगलवार) : चैत्र नवरात्री के तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा की पूजा होगी।
21 मार्च 2018 (बुधवार) : चैत्र नवरात्री के चौथे दिन कूष्मांडा मां की आराधना की जाएगी।
22 अप्रैल 2018 (गुरुवार) : चैत्र नवरात्री के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा होगी।
23 अप्रैल 2019 (शुक्रवार) : चैत्र नवरात्री के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी।
24 अप्रैल 2018 (शनिवार) : चैत्र नवरात्री के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना की जायेगी।
25 अप्रैल 2018 (रविवार) : चैत्र नवरात्री के आठवें दिन महागौरी माता की पूजा की जाएगी।
25 अप्रैल 2018 (रविवार) : चैत्र नवरात्री के नौवें दिन सिद्धदात्री मां की पूजा की जायेगी।