नई दिल्लीः चीन का Space lab तियांगोंग-1 या हेवनली पैलेस अब जमीन की आरे आ रहा है। बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल यानी कल जमीन पर गिरने की आशंका है। लेकिन इस से किसी को कोई खतरा नहीं होगा। इस बीच चीन के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि स्पेस लैब का वापस धरती पर आना एक शानदार सो होगा।
जानिए इससे जुड़े कुछ खास बातें
1.लगभग 8 टन का यह Space lab जमीन पर सनिवार यानी आज से सोमवार के बीच गिरेगी। मगर इससे किसी को कोई खतरा होने की आशंका नहीं है। चीन के मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग आफिस के द्वारा दिए गए जानकारी के मुताबिक ऐसे स्पेस क्राफ्ट उस तरह जमीन पर नहीं गिरते जैसा फिल्मों में दिखया जाता है। जिससे बहुत सारी नुकासाने होते हैं। लेकिन इस तरह के स्पेसक्राफ्ट जब जमीन पर गिरते हैं, तो एक अलग तरह के नजारे देखने को मिलते हैं।
2.हांलांकि यह चीन का पहला Space lab था, जिसको 2011 में लान्च किया था और उसस समय इसे स्वर्ग में राजमहल का नाम दिया गया।
3.16 मार्च को तियांगोंग-1 ने अधिकारिक रूप से डेटा भेजना बंद कर दिया तथा वह अपने जीवन के आखरी चरण में है। जबकि चैना इस स्पेस लैब पर अपना नियंत्र खो चुका है।
4.बताया जा रहा है कि जमीन पर गिरते समय उसके अधिक्तर भाग जल जाएंगे। इससे न तो कोई विमामन की गतिविधि प्रभावित होगी और न ही इससे किसी को कोई चोट लगेगी।
5.हालांकि तियांगोंग-1 की लान्चिंग मानवरहित हुई थी, मगर इसकी डिजाइन इस तरह किया गया था। जिससे किसी अन्य यान इससे जुड़ सकें।
6.यह लगभग 216.2 किलोमीटर की औसत उंचाई पर आंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित है।
7.गोरतलब यह है तियांगोंग-1 ने शेनझोउ-8, शेनझोउ-9 तथा शेनझोउ-10 आंतरिक्षयान के साथ सफलतापूर्वक कार्य किया और प्रयोग किए।
बहरहाल इन स्पेस स्टेशन के जमीन पर गिरने से हड़कंप मच गया था। हालांकि तियांगोग-1 के जमीन पर गिरने के मामले को लेकर काफी हड़कंप का माहौल हो गया है। मगर यह पहली मरतबा नहीं है। जबकि इससे पहले भी कई स्पेस लैब जमीन पर कगर चुके हैं।