* जनवरी-2013 में उपाध्यक्ष बनते ही राहुल ने परोक्ष रूप से संभाला नेतृत्व
* देश के दिल दिल्ली में हार के साथ आरंभ हुई राहुल की उपाध्यक्ष रूपी पारी
* दिसम्बर-2017 में राहुल के अध्यक्ष बनते ही गुजरात सहित 3 राज्यों में पराजय
* 2013 से 2019 के बीच लोकसभा के 2 और विधानसभाओं के 43 चुनाव हुए
* राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस को 36 चुनावों में मिली हार, सिर्फ 7 राज्यों में जीत
विश्लेषण : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद, 19 जून, 2019 (युवाप्रेस.कॉम)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज 49 वर्ष के हो गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी को उनके 49वें जन्म दिवस पर शुभकामनाएँ दी हैं, परंतु स्वयं राहुल गांधी कदाचित आज अपने जन्म दिवस पर खुश नहीं होंगे, क्योंकि अभी 28 दिन पहले ही लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। देश की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक कांग्रेस पार्टी का परोक्ष और प्रत्यक्ष रूप से नेतृत्व संभालने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा चुनाव 2019 में 36वीं हार थी। जब से माता सोनिया गांधी के स्थान पर राहुल ने कांग्रेस की बागडोर संभाली है, तब से कांग्रेस का बेड़ा ऐसा गर्क हुआ कि 2013 से 2019 के बीच हुए कुल 43 चुनावों में कांग्रेस को केवल 7 राज्यों में जीत हासिल हुई, जबकि 2 लोकसभा चुनावों और 34 विधानसभा चुनावों में पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा।
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले मात्र 6 महीने पहले ही दिसम्बर-2018 में राहुल गांधी ने देश के तीन महत्वपूर्ण राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई थी और इसके साथ ही राहुल ने कांग्रेस में अपनी 14 वर्ष की राजनीतिक यात्रा में पार्टी को सबसे बड़ी सफलता दिलाई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी-BJP) के विरुद्ध ‘चौकीदार चोर है’ के नारे के साथ राफेल डील में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों को राहुल गांधी ने पूरी शिद्दत से उठाया और इन तीन राज्यों में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में सफलता हासिल की। इसके साथ ही राहुल के नेतृत्व को लेकर उठने वाले सवाल शांत होने लगे और राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी शुरू हो गई कि अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अजेय रथ को रोकने की स्थिति में आ गए हैं, परंतु राहुल फिर एक बार राजनीतिक अपरिपक्वता का शिकार हुए। वे चाहते, तो 3 राज्यों की सफलता को आगे बढ़ा सकते थे, परंतु वे लगातार उस टोली का हिस्सा बने रहे, जो केवल मोदी विरोध का एजेंडा लेकर चल रही थी। इस टोली के भीतर राहुल और कांग्रेस की अपनी मूल पहचान उजागर न हो सकी और लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी को अपने नेतृत्व में बड़ी और 36वीं हार का सामना करना पड़ा।
सबक नहीं लिया, तो 50वें जन्म दिन पर भी होगा मातम
अभी तो लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आए दो हफ्ते ही हुए थे कि राहुल गांधी ने फिर एक बार पुराने ढर्रे की राजनीति करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को निशाना बनाया। देश तो क्या, गांधी परिवार के गढ़ अमेठी तक में मिली हार के बावजूद राहुल ने वायनाड से जीत के बाद वहाँ पहुँच कर फिर वही मोदी विरोधी राग अलापा। उन्होंने मोदी पर नफरत का ज़हर घोलने वाली राजनीति करने का आरोप लगाया, तो कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी ने भी जनादेश का सीधा अपमान करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और मोदी ने गड़बड़ी करके चुनाव जीता। सोनिया-राहुल के इन वक्तव्यों से स्पष्ट है कि दोनों नेताओं ने चुनावी हार, परिणामों के संदेश से सबक नहीं लिया। यदि कांग्रेस पार्टी अब भी नहीं संभली और उसने 20वीं शताब्दी की धर्म-जाति आधारित राजनीति को ही आधार बनाए रखा, तो यह निश्चित है कि राहुल गांधी को 19 जून, 2020 को अपना 50वाँ जन्म दिवस भी मातम के बीच ही मनाना पड़ेगा, क्योंकि इस दौरान देश में 5 राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में चुनाव होने हैं। राहुल यदि पुरानी राजनीति के आधार पर चुनाव मैदान में उतरेंगे, तो 19 जून, 2020 को 50वें जन्म दिवस पर राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की चुनावी हार का आँकड़ा 40 को छू सकता है। राहुल गांधी जब 2013 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे, तब देश के 13 राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं, जबकि नरेन्द्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने, तब भाजपा की केवल 7 राज्यों में सत्ता थी, परंतु हाल में भाजपा-एनडीए शासित राज्यों की संख्या 20 से अधिक है, जबकि कांग्रेस शासित राज्यों की संख्या 4 पर सिमट गई है।
पराजय का पर्याय बने राहुल गांधी
अब बात करते हैं राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को अब तक मिली पराजयों के सिलसिले की। राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद तो दिसम्बर-2017 में संभाला, परंतु पार्टी का अप्रत्यक्ष रूप से नेतृत्व वे जनवरी-2013 से ही कर रहे थे, जब वे पार्टी उपाध्यक्ष बनाए गए थे। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पुत्र राहुल को उपाध्यक्ष बना कर लगभग तमाम ज़िम्मेदारियाँ राहुल को ही सौंप दी थी। इसलिए कहा जा सकता है कि राहुल गांधी जनवरी 2013 से ही कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हैं। तब से लेकर अब तक देश में 2 लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 हुए, जबकि 41 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। राहुल गांधी के नेतृत्व संभालते ही कांग्रेस पार्टी मानो हार का पर्याय बन गई। राहुल के उपाध्यक्ष बनने के बाद हुए सबसे पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस पार्टी को 70 में से मात्र 8 सीटें मिलीं। राहुल गांधी दिसम्बर-2017 में अध्यक्ष बने और अध्यक्ष के रूप में उनकी पारी की शुरुआत भी गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में हार के साथ शुरू हुई। यद्यपि गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी, परंतु राहुल और स्थानीय नेताओं के अकुशल नेतृत्व के चलते कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी। इस प्रकार जनवरी-2013 से जून-2019 तक हुए कुल 43 चुनावों में कांग्रेस पार्टी को केवल 7 राज्यों में जीत का स्वाद चखने को मिला। इनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो दिसम्बर-2018 में ही कांग्रेस को जीत मिली, जबकि 2013 में कर्नाटक, मणिपुर और मिज़ोरम तथा 2016 में पुड्डुचेरी में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही।
राहुल गांधी के नेतृत्व में 2013-2019 के बीच कांग्रेस की 36 पराजयों की सूची :
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013
- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2013
- राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013
- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013
- नगालैण्ड विधानसभा चुनाव 2013
- त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2013
- लोकसभा चुनाव 2014
- आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2014
- ओडिशा विधानसभा चुनाव 2014
- अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2014
- सिक्किम विधानसभा चुनाव 2014
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014
- हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014
- झारखंड विधानसभा चुनाव 2014
- जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015
- असम विधानसभा चुनाव 2016
- केरल विधानसभा चुनाव 2016
- तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2016
- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016
- गुजरात विधानसभा चुनाव 2017
- हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017
- गोवा विधानसभा चुनाव 2017
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017
- उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017
- तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018
- मिज़ोरम विधानसभा चुनाव 2018
- नगालैण्ड विधानसभा चुनाव 2018
- त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018
- कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018
- मेघालय विधानसभा चुनाव 2018
- ओडिशा विधानसभा चुनाव 2019
- आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019
- अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019
- सिक्किम विधानसभा चुनाव 2019
- लोकसभा चुनाव 2019