क्या आपका खाता देना बैंक या विजया बैंक में है? यदि हाँ, तो यह खबर आपके लिए है। इसे आखिर तक जरूर पढ़िएगा, क्योंकि 1 अप्रैल से 8 दशक से अधिक पुराने ये दोनों बैंक अपना अस्तित्व खो देंगे।
केन्द्र सरकार के निर्णय के अनुसार देना बैंक और विजया बैंक का आगामी 1 अप्रैल बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) में विलय हो जाएगा। इसके साथ ही 81 वर्ष पूर्व 26 मई, 1938 को देवकरण नानजी (मूल नाम चुनीलाल देवकरण नानजी उर्फ सी. डी. देसाई) द्वारा स्थापित देना बैंक और 88 वर्ष पूर्व 23 अक्टूबर, 1931 को ए. बी. शेट्टी के नेतृत्व वाले किसानों के समूह द्वारा स्थापित विजया बैंक का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। देना बैंक का नाम देवकरण के दे और नानजी के ना शब्द से मिला कर पड़ा था। उसी प्रकार विजया बैंक की स्थापना के दिन विजयादशमी थी। इसलिए उसका नाम विजया बैंक रखा गया।

1 अप्रैल से देना और विजय दोनों ही बैंकों के ग्राहकों के खाते बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) स्थानांतरित हो जाएँगे। इसके साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। वर्तमान में 45.85 लाख करोड़ रुपए मूल्य के कारोबार के साथ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) प्रथम, 15.8 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के साथ HDFC बैंक दूसरे और 11.02 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के साथ ICICI बैंक तीसरे स्थान पर है। देना और विजया बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा 15.4 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के साथ आईसीआईसीआई बैंक को पछाड़ कर देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
ग्राहकों पर क्या होगा असर ?
1. ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है।
2. जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे।
3. SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
4. नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है।
5. फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा।
6. जिन ब्याज दरों पर वीइकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।
7. कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।