रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 15 दिसंबर, 2019 (युवाPRESS)। केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शनिवार मध्य रात्रि 12 बजे से देश के सभी टोल प्लाज़ा पर ‘FASTAG’ लागू कर दिया है। इससे अब आपको टोल प्लाज़ा पर गाड़ी रोक कर टोल टैक्स भरने के लिये कतार में नहीं लगना पड़ेगा। अब आप टोल प्लाज़ा पर रुके बिना फर्राटे से अपनी गाड़ी निकाल ले जाएँगे। आपको टोल प्लाज़ा पर रुकना न पड़े, इसीलिये केन्द्र सरकार ने यह फास्टैग सिस्टम लागू किया है। हालाँकि इसके लिये आपको कैशलेस सिस्टम अपनाना पड़ेगा। यदि आपने ऐसा नहीं किया है तो अब कर लीजिए, क्योंकि अभी भी सरकार ने आपके लिये 15 जनवरी तक नियम में ढील दी है। फास्टैग को 1 दिसंबर से लागू किया गया था, बाद में इसे 15 दिसंबर तक बढ़ाया गया था। 30 दिन तक वाहनचालकों को नियम में ढील दी जा रही है। इस प्रकार ढील भी बढ़ कर 15 जनवरी तक हो गई है। इस बीच फास्टैग की अधिकतम 25 प्रतिशत लेन को हाईब्रिड रखा जाएगा। इन हाईब्रिड लेन में 15 जनवरी तक फास्टैग के साथ कैश से भी पेमेंट किया जा सकेगा।
क्या है फास्टैग सिस्टम ?
फास्टैग एक ऐसा टैग है, जो आपको टोल टैक्स भरने के लिये टोल प्लाज़ा पर रुकने और कतार में लगने की झंझट से मुक्ति देता है। इस टैग के जरिये टोल टैक्स का आपके बैंक अकाउंट से सीधा भुगतान हो जाता है। यह टैग आपको बैंक से मिलता है, जो आपको अपने वाहन की विंड स्क्रीन पर चिपकाना होता है। अगर यह टैग आपके वाहन की विंड स्क्रीन पर चिपका है तो आपको टोल प्लाज़ा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे ही आपका वाहन टोल प्लाज़ा से गुजरेगा, विंड स्क्रीन पर चिपके फास्टैग से लिंक्ड बैंक अकाउंट या प्रीपैड वॉलिट से आपका टोल टैक्स स्वतः कट जाएगा।
फास्टैग लेने के लिये क्या करना होगा ?
फास्टैग लेने के लिये आपको केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत किये गये 22 बैंकों की शाखाओं में जाकर संपर्क करना होगा। वहाँ जाकर फास्टैग खरीद कर उसे अपने बैंक अकाउंट से लिंक्ड कराना होगा। बैंक के केवाईसी (KNOW YOUR CUSTOMER) पॉलिसी के अंतर्गत आपको केवाईसी डॉक्यूमेंट्स भी जमा कराने होंगे। केवाईसी डॉक्यूमेंट्स के अलावा बैंक को फास्टैग की एप्लीकेशन के साथ गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी भी देना होगा। फास्टैग को सर्टिफाइड बैंक ही जारी करते हैं। इसका अधिकतम मूल्य 100 रुपये हो सकता है। यह दाम नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) सुनिश्चित करता है। हालाँकि टैग जारी करने की वास्तविकत कीमत को बैंक ही पारिभाषित करते हैं और अलग-अलग बैंकों में इसकी कीमत अलग-अलग हो सकती है। इस अंतर को विभिन्न बैंकों की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है। इसके बाद यह टैग अपने वाहन की विंड स्क्रीन पर चिपकाना होगा। एक्टिवेट होने के बाद फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी पर काम करता है। फास्टैग में कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है और जब तक यह खराब नहीं होते हैं, तब तक यह टोल प्लाज़ा पर रीडेबल होते हैं। इनके माध्यम से सीधे बैंक अकाउंट से टोल टैक्स कलेक्शन किया जाता है। यह फास्टैग 22 अधिकृत बैंकों द्वारा विभिन्न चैनलों जैसे कि नेशनल हाइवे टोल प्लाज़ा के पॉइंट ऑफ सेल (POS) के जरिये तथा चुनिंदा बैंकों की शाखाओं से जारी किया जाता है। फास्टैग अमेजॉन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी खरीदा जा सकता है।
फास्टैग बैंक न्यूट्रल होता है, जिसका अर्थ है कि इसे आप जहाँ से खरीदते हैं, वो इसे एक्टिवेट करके नहीं बेचते हैं। ऑनलाइन फास्टैग डू इट योरसेल्फ (DO IT YOURSELF) कॉन्सेप्ट पर आधारित होता है, जहाँ आप माई फास्टैग मोबाइल ऐप में वेहिकल डीटेल डाल कर इसे सेल्फ एक्टिवेट कर सकते हैं। एंड्रॉयड फोन यूज़र्स गूगल प्ले स्टोर से तथा आईफोन यूज़र्स एप्पल स्टोर से माई फास्टैग एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद इस ऐप से आप अपने फास्टैग को अपने किसी भी बैंक अकाउंट से लिंक कर सकते हैं। माई फास्टैग मोबाइल ऐप पर नेशनल हाइवेज़ ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) प्रीपैड वॉलिट की सुविधा उपलब्ध कराता है, जहाँ आप पैसे डाल सकते हैं। ऐसे में टोल टैक्स आपके बैंक अकाउंट से न कट कर वॉलिट से कटता है।
इन बातों का रखें ध्यान
फास्टैग के प्रीपैड वॉलिट में 20 हजार रुपये से अधिक पैसा नहीं रखा जा सकता है। यदि फास्टैग को बैंक अकाउंट से लिंक किया है तो प्रीपैड वॉलिट में अलग से पैसे डालने की जरूरत नहीं है। केवल आपको यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस हो, ताकि टोल टैक्स का पैसा उससे कट सके।
एक वाहन के लिये एक से अधिक फास्टैग नहीं रखे जा सकते हैं। अलग-अलग वाहनों के लिये अलग-अलग फास्टैग रखने होंगे।
यदि आप टोल प्लाज़ा के 10 कि.मी. की परिधि में रहते हैं तो आप फास्टैग के जरिये भुगतान किये जाने वाले टोल टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे मामलों में आपको बैंक तथा निकटस्थ पीओएस लोकेशन में रेसिडेंट प्रूफ जमा कराना होगा, ताकि सुनिश्चित हो सके कि आप टोल प्लाज़ा के 10 कि.मी. के दायरे में ही रहते हैं। आपका एड्रेस वेरिफाई हो जाने पर आप टोल प्लाज़ा पर अपने वाहन को मिलने वाली छूट का फायदा उठा सकते हैं।
फास्टैग को 1 दिसंबर से लागू किया गया था, बाद में इसे 15 दिसंबर तक बढ़ाया गया था। 30 दिन तक वाहनचालकों को नियम में ढील दी जा रही है। इस प्रकार ढील भी बढ़ कर 15 जनवरी तक हो गई है। इस बीच फास्टैग की अधिकतम 25 प्रतिशत लेन को हाईब्रिड रखा जाएगा। इन हाईब्रिड लेन में 15 जनवरी तक फास्टैग के साथ कैश से भी पेमेंट किया जा सकेगा।
यह भी ध्यान रहे कि बिना फास्टैग वाली गाड़ी यदि फास्टैग लेन में आती है तो उससे डबल चार्ज लिया जाएगा।