अहमदाबाद, 6 अगस्त, 2019 (युवाPRESS)। मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 का खात्मा करके इस राज्य का पूरी तरह से भारत में विलय कर लिया है। इससे पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है। उसे समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति में वह क्या करे ? ऐसे में पाकिस्तान के कुछ लोगों की बौखलाहट ट्वीटर पर जाहिर हो रही है। ऐसे ही एक बड़बोले पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने ट्वीटर पर कश्मीरी राग अलापा तो भारत के पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद ने उन्हें करारा जवाब दिया।
अफरीदी ने कहा – क्यों सो रहा संयुक्त राष्ट्र ?
भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया और उसे भारत के अन्य राज्यों की श्रेणी में ला दिया। पाकिस्तान को यह बात हजम नहीं हो रही है, इसलिये वहाँ बौखलाहट का माहौल है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने एक ट्वीट करके संयुक्त राष्ट्र पर सवाल उठाए और अमेरिका से मदद की गुहार लगाई। अफरीदी के इस ट्वीट में उनकी निराशा साफ झलकती है।
अफरीदी के ट्वीट का गौतम ने दिया ‘गंभीर’ जवाब

पाकिस्तान के पूर्व ऑल राउण्डर शाहिद अफरीदी को भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने उसी आक्रामक अंदाज़ में जवाब दिया, जिस अंदाज़ में वह मैदान में गेंदबाज को बल्ले से जवाब देते थे। गौतम गंभीर अब दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं। उन्होंने अफरीदी को टैग करते हुए लिखा कि ‘दोस्तो, शाहिद अफरीदी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। वहाँ पर अनुत्तेजित आक्रामकता है, वहाँ मानवता के विरुद्ध अपराध हो रहे हैं। अफरीदी यह मामला सामने लेकर आये हैं, इसलिये उनकी तारीफ की जानी चाहिये।’ गंभीर ने इस वाक्य के आगे तालियाँ बजाता हुआ इमोजी भी उपयोग किया है। इसके बाद गंभीर ने आगे लिखा कि ‘बस इसमें एक बात लिखना भूल गये, वह ये कि यह सब ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ में हो रहा है।’ गंभीर ने लिखा ‘चिंता मत कीजिये, हम इसका भी हल निकालेंगे बेटे !!!’
शाहिद अफरीदी ने ट्वीट में क्या लिखा था ?
उल्लेखनीय है कि शाहिद अफरीदी ने इससे पहले अपने ट्वीट में लिखा था कि ‘कश्मीरियों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के आधार पर उनके अधिकार दिये जाने चाहिये। आज़ादी का अधिकार हम सभी को है। संयुक्त राष्ट्र की रचना क्यों की गई है और वह क्यों सो रहा है ? कश्मीर में लगातार जो मानवता विरोधी अनुत्तेजित आक्रामकता और अपराध हो रहे हैं, उस पर ध्यान दिया जाना चाहिये। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप को इस मामले में जरूरी रूप से मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिये।’