अहमदाबाद, 7 अगस्त, 2019 (युवाPRESS)। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर बुधवार को नई दिल्ली के लोधी रोड पर स्थित श्मशानगृह में पंच महाभूत में विलीन हो गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी इकलौती बेटी बांसुरी स्वराज ने अपनी माँ को मुखाग्नि दी। इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा सहित मोदी मंत्रिमंडल के कई सदस्य, भाजपा सहित विभिन्न दलों के कई नेता और सांसद उपस्थित रहे।
मंगलवार रात को हुआ था निधन

14 फरवरी 1952 को पंजाब के अंबाला केंट में शर्मा परिवार में जन्मी सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में 6 अगस्त 2019 मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था। उन्हें रात साढ़े नौ बजे दिल का दौरा पड़ने के बाद उपचार के लिये एम्स अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ एक घण्टा और 10 मिनट तक डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, परंतु वह सफल नहीं हुए। देर रात को 10.50 बजे सुषमा स्वराज ने अंतिम साँस ली। एक तरफ लोकसभा में कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को खत्म करने का संकल्प और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद भाजपा और एनडीए के नेता खुशी से झूम रहे थे। तभी देर रात को सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन की खबर से सभी राजनेता शोक में डूब गये। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित कई नेता देर रात को ही अस्पताल पहुँच गये थे। बाद में सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर जंतर मंतर के पास स्थित उनके निवास स्थान पर ले जाया गया, जहाँ उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अंतिम यात्रा में टूट गया सुषमा की साड़ी का रिवाज़

बुधवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत देश और दुनिया भर की हस्तियों ने उनके निवास स्थान पर पहुँचकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। इसके बाद परिवारजनों ने उनका अंतिम श्रृंगार किया। उनकी पहचान बन चुकी माथे पर बड़ी बिंदी के साथ उन्हें सुहागिन का लाल जोड़ा पहनाया गया। इसी के साथ सुषमा स्वराज का हर दिन के हिसाब से साड़ी पहनने का नियम टूट गया। वह बुधवार को हरे रंग की साड़ी पहनती थी, परंतु आज अपने अंतिम सफर में वह लाल जोड़े में सज्ज थी।
भाजपा मुख्यालय से निकली अंतिम यात्रा
उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिये दोपहर 12 बजे भाजपा मुख्यालय लाया गया था। यहाँ से दोपहर बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई तो राजनाथ सिंह, जे. पी. नड्डा, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल ने कंधा दिया। लोधी रोड पर स्थित शवदाह गृह में उनकी अंतिम यात्रा पहुँचने से पहले ही वहाँ विविध राज्यों के मुख्य मंत्री और विभिन्न दलों के नेता और अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियाँ पहुँच चुकी थी।


उनके पति सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल की उपस्थिति में राजकीय सम्मान के साथ इकलौती पुत्री क्रिमिनल लॉयर बांसुरी स्वराज ने मुखाग्नि दी। इसी के साथ उनका पार्थिव शरीर पंच महाभूतों में विलीन हो गया।
पीएम से लेकर उपराष्ट्रपति तक रो पड़े

मंगलवार रात को जब एम्स के डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद वह सुषमा स्वराज को बचाने में सफल नहीं हुए तब इस टीम के दो जूनियर डॉक्टर फूट-फूटकर रो पड़े थे। सुषमा स्वराज के निधन का समाचार मिलने पर देर रात को अस्पताल पहुँचे राजनेताओं में केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सुषमा स्वराज के साथ अपने सम्बंधों को याद करते हुए रो पड़े थे। बुधवार सुबह उनके निवास स्थान पर श्रद्धांजलि देने पहुँचे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेन्द्र मोदी की आँखें भी नम हो गईं थी। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शवदाह गृह में उनके अंतिम दर्शन करते हुए फफक-फफक कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि अब से रक्षा बंधन को उनकी कलाई सूनी रहा करेगी। क्योंकि उनकी कलाई पर राखी बाँधने वाली उन्हें अलविदा कहकर चली गई।

इतना ही सुषमा स्वराज के अंतिम दर्शन करने के लिये भाजपा मुख्यालय पहुँचे एमडीएच (MDH) मसालों के मालिक 96 साल के बुजुर्ग धर्मपाल गुलाटी भी अपनी भावनाओं को काबू में नहीं कर पाये और फूट-फूटकर रो पड़े।