फर्जी इमेज और वीडियो पर रोक लगाने के लिए सर्च इंजन गूगल (Google) ने खास पहल शुरू की है। फर्जी फोटो और वीडियो की पहचान के लिए Image Search Tool शुरू किया गया है। फेक इमेज की पहचान के लिए एक नया फैक्ट चेक मार्कर को जोड़ा गया है, जो गूगल सर्च रिजल्ट वाली इमेज के साथ दिखेगा।
Google ने सोमवार को ऐलान किया कि उसकी तरफ से भ्रामक फोटो और वीडियो की पहचान के लिए इमेज सर्च टूल शुरू किया गया है। यह टूल फेक फोटो की पहचान करके उनकी लेबलिंग करेगा। यह लेबल इमेज और वीडियो के वेब पेज के नीचे दिखेगा। यह फैक्ट चेक न सिर्फ इमेज बल्कि किसी आर्टिकल इमेज का फैक्ट चेक करेगा। फैक्ट चेक में इमेज के सोर्स से लेकर उसकी पूरी जानकारी मिलेगी।
Calif बेस्ड कंपनी The Mountain View इस फैक्ट चेक लेबल का इस्तेमाल कई सालों से मेन सर्च रिजल्ट में करती रही है। साथ ही वीडियो स्ट्रीमिंग साइट YouTube के सर्च रिजल्ट में भी इसका उपयोग किया जाता रहा है। Google ने कहा कि सर्च रिजल्ट के फैक्ट की जांच प्रत्येक दिन 11 मिलियन से अधिक बार होती है। Google के प्रोडक्ट मैनेजर Harris Cohen ने कहा कि दुनियाभर में फोटो और वीडियो जानकारी का अहम स्रोत हैं। लेकिन गलत विजुअल्स की वजह से अब लोगों को काफी नुकसान हो रहा है। खासकर इमेज ओरिजिन को लेकर फोटो की प्रमाणिकता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए गूगल समेत फेसबुक और ट्विटर जैसी दिग्गज कंपनी आगे आ रही हैं।
इस्तेमाल करने के लिए क्या करें-
Google पर इमेज सर्च करने पर फोटो के नीचे एक फैक्ट चेक लेबल दिखेगा, जो फोटो के नीचे thumbnail के तौर पर दिखेगा। यानी कि जब आप फोटो को लार्ज फारमैट में देखेंगे, तो वेब पेज के नीचे साइज एक फैक्ट चेक लेबल नजर आएगा।