कोलकाता: हनुमान जयंती के उत्सव पर 31 मार्च को देश के सभी मंदिरों में कई धार्मिक आयोजन किये जा रहा है तथा कइ जगह हनुमान जी की शोभा यात्रा निकाली जा रही है। पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर जो हिंसा हुई थी उसको देखते हुए राज्य सरकार ने हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के समारोह के लिए पुख्ता इंतेजाम किये हैं। इसके साथ साथ राज्य के सभी मंदिरों, धार्मिक स्थलों और मस्जिदों को अतिरिक्त सुरक्ष प्रदान किया गया है। इसके अलावा शोभा यात्रा के दौरान सशस्त्र प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रदेश के गृह सचिव, मुख्य सचिव, डीजीपी और एडीजी के साथ बैठक किये और किसी प्रकार के घटना को रोकने के लिए पुख्ता इंतेजाम करने के निर्देश जारी किऐ।
पश्चिम बंगाल में सायंतन बसु (भाजपा के महासचिव) ने इस उत्सव के लिए कहा कि हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर हमारी पार्टी कोई रैली नहीं करेगी वही दूसरी ओर प्रदेश के VHP अध्यक्ष सचिंद्रनाथ सिंह ने बताया कि हनुमान जयंती के मौके पर रैली निकालने से राज्य में गलत संदेश जायेगा। हालेंकि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से हनुमान जयंती को मनाने का फैसला कर चुकी है।
पश्चिम बंगाल में राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के लिए कड़े इंतेजाम किये हुए है लेकिन फिर भी यहां के पुलिस के लिए बहुत कड़ी चुनोती होगी क्योंकि रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में क्या हुआ था ये कोई छिपा नहीं है। राज्य में वॉट्सऐप, फेसबुक और सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह को रोकने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी को लगाया गया है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सकें।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में हुए हिंसा की निंदा की और उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। बता दें कि एक दिन पहले ही आसनसोल नॉर्थ से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो को हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरे पर जाने से रोका गया था। हिंसाग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागु किया गया है।
कोलकाता में इस बार Hanuman Jayanti के अवसर पर 71 हनुमान शोभायात्रा की तुलना में बहुत कम शोभायात्रा निकलेगी। ऐसा तनावपूर्ण हालात की वजह से हो सकता है। अभी भी कुछ इलाके ऐसे है जहां पर रामनवमी के दौरान हुए हिंसा के बावजूद अभी हालात असामान्य बने हुए हैं।
युवाप्रेश का सुविचार : हमारा देश के युवाओं से आग्रह है कि किसी भी प्रकार के हिंसा में शामिल न हो और देश के हालात को तनावपूर्ण स्थिति से बाहर निकालने की कोशिश करें क्योंकि हम भी इसी देश के नागरिक है और यह देश हमारा घर और मंदिर, हमें पता हैं कि घर में लड़ई झगड़ा अच्छा नहीं होता है। हमें अपने त्यौहार को शांतिपूर्व मनाना चाहिए न कि अशांतिपूर्ण तरीके सें। हनुमान जी कभी भी हिंसा का संदेश नहीं देते हैं।