केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये हैं।अपने ट्वीट संदेश में अमित शाह ने कहा कि, “स्वामी विवेकानंद जी एक राष्ट्रभक्त संत, महान विचारक और असाधारण वक्ता थे जिन्होंने न सिर्फ भारत में राष्ट्रवाद की भावना को बल दिया बल्कि संपूर्ण विश्व को भारतीय संस्कृति के गुणों से पल्लवित किया। उनकी शिक्षा, सार्वभौमिक भाईचारे और आत्म-जागृति के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक है।”
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि, “स्वामी विवेकानंद जी को युवाओं की क्षमता और परिवर्तनकारी शक्ति पर बहुत विश्वास था। उनका मानना था कि युवा वर्ग ही आने वाले समय में राष्ट्र के विकास को सही दिशा और शक्ति देगा। उनके आदर्श आज भी युवाओं को राष्ट्रसेवा के प्रति प्रेरित करते हैं। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।”
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था और 4 जुलाई 1902 को मात्र 39 साल की उम्र में प्राण त्याग दिए थे। उन्होंने अपनी अध्यात्मिक सोच से पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति, वेदों और शास्त्रों के ज्ञान से दुनिया के लोगों को परिचित कराया।
इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। पिता कलकत्ता हाईकोर्ट में एक वकील थे और माता धार्मिक विचारों की महिला थीं। स्वामी विवेकानंद ने 25 की उम्र में परिवार छोड़कर संन्यास धारण कर लिया था। 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म महासभा उनके द्वारा दिया गया भाषण आज भी विश्व प्रसिद्ध है। इसी भाषण के बाद दुनिया ने उनकी अध्यात्मिक सोच और दर्शन शास्त्र से प्रभावित हुई।
उनके कुछ कहे हुए विचार–
1- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पे विश्वास नहीं कर सकते।
2- बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।
3- हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं।
4- जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
5- जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
6- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।