अहमदाबाद, 16 जून 2019 (युवाप्रेस डॉट कॉम)। भारतीय सेना (INDIAN ARMY) के एक जूनियर कमीशंड ऑफीसर यानी सूबेदार को फादर्स डे से ठीक एक दिन पहले उसके बेटे ने ऐसा तोहफा दिया जो पिता के लिये अविस्मरणीय बन गया, उसका इकलौता बेटा जी. नवीन कुमार रेड्डी विश्व की सबसे बड़ी वायुसेनाओं में से एक भारतीय वायुसेना (IAF) में फ्लाइंग अफसर बन गया है। इसके बाद जी. नवीनकुमार रेड्डी के साथ भी कुछ ऐसा हुआ, जिसकी स्मृतियाँ नवीन कुमार आजीवन नहीं भूलेगा।

वायुसेना के नये फ्लाइंग ऑफीसर बने जी. नवीन कुमार रेड्डी के पिता जी. पुल्ला रेड्डी भारतीय सेना में सूबेदार हैं। उनका सपना था कि उनका बेटा भारतीय सेना में अफसर बने। इसलिये उन्होंने बेटे जी. नवीन कुमार रेड्डी को आंध्र प्रदेश के विजियानगरम् जिले के कोरुकोंडा सैनिक स्कूल में भर्ती कराया था। इसके बाद जी. नवीन कुमार रेड्डी ने हैदराबाद के पास डुंडीगल की वायुसेना अकादमी में बेहद मुश्किल ट्रेनिंग ली और पास होकर वायुसेना में फ्लाइंग ऑफीसर बने। नवीन कुमार ने इस बैच में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर (SWORD OF HONOUR) जीती है। यह सम्मान उस कैडेट को दिया जाता है, जिसने पूरी ट्रेनिंग के दौरान सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया हो। इस सम्मान में राष्ट्रपति की ओर से सम्मान पट्टिका (PLAQUE) के साथ वायुसेना प्रमुख की ओर से तलवार प्रदत्त की जाती है, परंतु जी. नवीन कुमार को इसके साथ जो मिला, उसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। जी. नवीन कुमार के लिये 15 जून-2019 शनिवार का दिन बेहद खास बन गया और यह दिन वह अपने पूरे करियर में कभी नहीं भूलेंगे। क्योंकि वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ ने जी. नवीन कुमार को अपनी वर्दी से अपने विंग्स निकालकर पहनाए। यह पल नवीन कुमार, उनके पिता और सभी वायुसैनिकों की ओर से गर्व के साथ याद किया जाएगा।
यह विंग्स किसी कैडेट को तब दिये जाते हैं, जब वह वायुसेना में कमीशन पाता है। इसे वह वर्दी के सामने पहनता है। बी. एस. धनोआ आगामी सितंबर माह में सेवा निवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने अपनी वर्दी से विंग्स उतारकर युवा वायुसैनिक अधिकारी को पहनाते हुए कहा कि वह सितंबर में अपनी वर्दी उतारने जा रहे हैं, ऐसे में मैं अपने विंग्स इस युवक को दे रहा हूँ, ताकि वो फ्लाइंग की चुनौतियों और कसौटियों पर खरा उतर सके।
इस अवसर पर एक अधिकारी ने कहा कि वायुसेना प्रमुख का यह कदम हर वायुसैनिक के लिये प्रेरणादायी है। पिछले कुछ दिनों में भारतीय वायुसेना को अच्छे और बुरे दोनों दौर से गुज़रना पड़ा है। एक ओर पुलवामा हमले के बाद वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट के आतंकी ठिकानों को तबाह किया। वहीं इसके दूसरे ही दिन पाकिस्तानी विमानों के हमले में वायुसेना को अपना एक फाइटर जेट गँवाना पड़ा था और एक पायलट को पाकिस्तान ने युद्धबंदी बना लिया था। इसी दौरान भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर भी क्रैश हुआ था, जिसमें 6 सैनिकों की जान गई। इसके बाद इसी महीने 3 जून को वायुसेना का एक एयरक्राफ्ट अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हो गया, जिसमें 13 वायुसैनिक सवार थे, जो इस दुर्घटना के शिकार हो गये। वायुसेना इन दुर्घटनाओं का दर्द झेल रही है। इस बीच जी. नवीन कुमार के रूप में एक नया और युवा अधिकारी मिलना वायुसेना के लिये अच्छी खबर है।