रिपोर्ट : Yuva Press
अहमदाबाद, 3 May 2019 (YUVAPRESS)। चार्टर्ड एकाउंटेंट (C.A.) की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है। इसके अलावा इसकी कोचिंग भी इतनी महंगी होती है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के कुछ युवा जो पढ़ाई में तेज होते हैं और सीए की पढ़ाई करने में रुचि भी रखते हैं, परंतु वे चाह कर भी मात्र अपनी कमजोर आर्थिक परिस्थिति के चलते ही सीए की पढ़ाई नहीं करते हैं और महंगी कोचिंग के कारण अपने कदम पीछे हटा लेते हैं। ऐसा करने से वे अपने सुनहरे भविष्य के साथ तो खिलवाड़ करते ही हैं, परंतु देश को भी उनकी योग्यताओं का लाभ नहीं मिल पाता है, जिससे देश भी उनकी कुशलता का लाभ लेने से वंचित रह जाता है। इस लिये अब दो भाइयों ने ऐसे ही कमजोर तबके के लोगों की मदद के लिये अपना जीवन समर्पित करने का महत्वपूर्ण प्रण किया है। ऐसा करके यह दोनों भाई न सिर्फ अनूठी देश सेवा करेंगे, अपितु वे अन्य युवाओं के लिये भी प्रेरणास्रोत बन जाएँगे।
कौन हैं वे और क्यों किया ऐसा प्रण ?

ये दोनों भाई हैं राजस्थान के कोटपूतली के रहने वाले अजय अग्रवाल और अतुल अग्रवाल। ये दोनों भाई खुद भी सीए टॉपर हैं और इनका तीसरा छोटा भाई भी सीए की पढ़ाई कर रहा है। अजय अग्रवाल ने 81.25 प्रतिशत अंकों के साथ पुराने सिलेबस में 2018 में टॉप किया है, जबकि अतुल ने 2019 में टॉप किया है। जब ये दोनों भाई सीए की परीक्षा देने के लिये कोचिंग कर रहे थे, तो इन्हें अपने आसपास के सहपाठियों की आर्थिक स्थिति का पता चला। इतना ही नहीं, उनके कई तेजस्वी सहपाठियों ने महंगी कोचिंग के कारण सीए की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी या कुछ स्कूली सहपाठियों ने तेजस्वी होने के बावजूद और सीए की पढ़ाई करने की योग्यता-कुशलता तथा रुचि होने के बावजूद केवल आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने के कारण ही इस क्षेत्र को करियर बनाने के लिये नहीं चुना, जिसे लेकर इन दोनों भाइयों को बहुत हताशा हुई। सीए टॉप होने के बाद इन दोनों भाइयों को कई कंपनियों से अच्छे से अच्छे पैकेज भी ऑफर हुए, परंतु इन दोनों ने ठान लिया कि वे नौकरी नहीं करेंगे और सीए की पढ़ाई करने के इच्छुक कमजोर आर्थिक परिस्थिति वाले तेजस्वी युवाओं के लिये काम करेंगे।
क्या है ‘सुपर-30’ प्लान ?

इसके बाद दोनों ने अपने संकल्प को साकार करने के लिये ‘सुपर-30’ का प्लान बनाया और उसे अमली जामा पहनाने की दिशा में प्रयास शुरू किये। देश भर से ऐसे सुपर-30 तेजस्वी छात्रों को चुनना और उन्हें रहने-खाने से लेकर कोचिंग तथा रजिस्ट्रेशन तक की संपूर्ण सुविधाएँ उपलब्ध कराना आसान काम नहीं था, इसके लिये काफी पैसों की आवश्यकता थी, जो इन दोनों भाइयों के पास नहीं थे। इसके लिये उन्हें किसी की मदद की आवश्यकता थी, जिसके लिये उन्होंने कई लोगों के समक्ष अपनी प्रोजेक्ट डिजाइन प्रस्तुत की। तभी इस काम में उन्हें रिलायंस कैपिटल की मदद मिली, जिसने उन्हें सभी प्रकार का खर्च वहन करने का आश्वासन दिया है। अब दोनों भाई सुपर-30 प्लान को मूर्त रूप देने में जुट गये हैं।
ICAI में रजिस्ट्रेशन व कोचिंग की फीस चुकाएँगे अग्रवाल बंधु
अजय के अनुसार मई-2020 के सीए अटेम्प्ट से पहले वे दोनों इसे शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि नवंबर महीने में उनका सुपर-30 प्लान कार्यरत् हो जाएगा। अजय के अनुसार सुपर-30 में शामिल करने के लिये देश भर के इच्छुक स्टूडेंट्स का टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद उनका सिलेक्शन किया जाएगा। चुने हुए छात्रों को श्रेष्ठ कोचिंग के लिये सीए के बेस्ट टीचरों को भी चुना जाएगा। इसके साथ ही अन्य राज्यों से आकर यहाँ सीए की कोचिंग लेने वाले छात्रों के लिये रहने और खाने-पीने से लेकर उनका सीए परीक्षा के लिये रजिस्ट्रेशन कराने तक की फीस की व्यवस्था भी इन दोनों भाइयों की ओर से ही की जाएगी, जो इन दोनों को रिलायंस कैपिटल से प्राप्त होगी । इस प्रकार कमजोर आर्थिक स्थिति वाले छात्रों पर रजिस्ट्रेशन फीस या कोचिंग की फीस का कोई दबाव नहीं आने दिया जाएगा और उन्हें सिर्फ सीए परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिये ही मेहनत करनी होगी।
अग्रवाल बंधु बने युवा के लिये प्रेरणास्रोत
अजय और अतुल का कहना है कि दोनों भाई इसी काम को अपना करियर बनाना चाहते हैं। इस सुपर-30 प्लान के माध्यम से वे जितने भी युवाओं के लिये संभव हो पाएगा, उतने युवाओं का करियर बनाने का प्रयास करेंगे। इसके लिये उन्होंने कई कंपनियों से आये नौकरी के श्रेष्ठ से श्रेष्ठ ऑफर्स को भी स्वीकार नहीं किया है। इस प्रकार इन दोनों भाइयों ने अनूठा काम चुना है और देश तथा देश के युवाओं का भविष्य सँवारने के काम को अपने करियर के रूप में चुन कर वे अन्य युवाओं के लिये भी प्रेरणास्रोत बन गये हैं। दूसरी तरफ इन दोनों भाइयों की मदद से आर्थिक रूप से कमजोर परंतु पढ़ने में तेज मेधावी छात्रों को मुनीमगीरी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने में आसानी हो जाएगी और उनकी आर्थिक परिस्थिति उनके करियर के आड़े नहीं आ सकेगी।