रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 15 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। देश के बड़े निजी बैंकों में शामिल इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी (आईसीआईसीआई-ICICI) बैंक अपने खातेदारों को एक बड़ा झटका देने जा रहा है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के नाम पर यह बैंक ज़ीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स पर तगड़ा शुल्क लगाने जा रहा है, जिससे ग्राहक परेशान हो जाएँगे। यानी कि यदि इस बैंक में आपका ज़ीरो बैलेंस अकाउंट है तो आने वाले दिनों में आपको अपने ब्रांच से नकद रकम निकालने पर शुल्क देना पड़ेगा। आईसीआईसीआई बैंक ने 16 अक्टूबर से किसी भी ब्रांच से कैश निकालने पर 100 से 125 रुपये का शुल्क लगाने की घोषणा की है। ग्राहक को हर निकासी पर यह शुल्क देना पड़ेगा।
मशीन के जरिए पैसा जमा करने पर भी लगेगा शुल्क

आईसीआईसीआई बैंक के अनुसार कैश निकासी के साथ-साथ यदि ज़ीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स मशीन से पैसे खाते में जमा करते हैं, तो इसके लिये भी उन्हें शुल्क देना पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक ने गत शुक्रवार रात एक नोटिस जारी करते हुए कहा है कि ‘हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग ट्रांजेक्शन डिजिटल मोड में करने के लिये उत्साहित करते हैं।’ इसके लिये बैंक ने तर्क दिया है कि देश तेजी से डिजिटल इंडिया की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसलिये बैंक ने मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से होने वाले एनईएफटी (NEFT), आरटीजीएस (RTGS) और यूपीआई (UPI) ट्रांजेक्शन पर लगने वाले सभी शुल्कों को खत्म कर दिया है। इनके स्थान पर अब ज़ीरो बैलेंस वाले अकाउंट होल्डर्स से कैश ट्रांजेक्शन पर तथा मशीन से खाते में पैसे जमा करने पर शुल्क लिया जाएगा, ताकि ग्राहकों का झुकाव डिजिटल ट्रांजेक्शन की दिशा में बढ़ सके।
ICICI बैंक ने ज़ीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स से की यह अपील

उल्लेखनीय है कि आईसीआईसीआई बैंक के ब्रांच से 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के एनईएफटी ट्रांजेक्शन पर 2.25 रुपये से लेकर 24.75 रुपये का जीएसटी (GST) के अतिरिक्त चार्ज लगता है। इसी प्रकार आरटीजीएस ट्रांजेक्शन पर 20 रुपये से लेकर 45 रुपये अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है। बैंक ने अपने ज़ीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स से यह भी अपील की है कि वे अपने अकाउंट को किसी अन्य बेज़िक अकाउंट में बदल लें। यदि वह ऐसा नहीं कर सकते हैं तो वह अपना अकाउंट बंद कर दें। इस प्रकार बैंक के इस कदम से ऐसा प्रतीत होता है कि 16 अक्टूबर के बाद जब यह शुल्क लागू होंगे, तब बैंक के ज़ीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स को तगड़ा झटका लगेगा और उनके लिये बैंक का यह कदम परेशानी का सबब बन सकता है।