चीन के अड़ंगे के बावजूद भारत, पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में सफल हुआ। इससे पहले जब पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, तब भी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश खुद संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में आतंकी मसूद अज़हर के विरुद्ध प्रस्ताव लाये, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड की संसदों में भारत के पक्ष में प्रस्ताव पारित हुए। चीन और पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बगलें झाँकनी पड़ी और यहाँ तक कि पाकिस्तान के विरोध के बावजूद इस्लामिक देशों के संगठन में भी भारत को महत्वपूर्ण जगह मिली। भारत को यह सभी सफलताएँ मिली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उन विदेश दौरों से जिनकी विपक्षी दल आलोचनाएँ करने से नहीं थकते।
इतना ही नहीं, पीएम मोदी के विदेश दौरों से भारत आर्थिक और सामरिक मोर्चे पर भी कई उपलब्धियाँ हासिल करने में सफल हुआ है। 2014 से लेकर 2019 तक भारत को 193 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ, जो इससे पहले के यूपीए और डॉ. मनमोहन सिंह के शासन काल से 50 प्रतिशत अधिक है। यही नहीं, भारत के प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी देश चीन का भी भारत में निवेश बढ़ा है। मार्च-2018 तक भारत को चीन से 1.5 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है। जापान ने भी अगले 5 साल में भारत में 20 अरब डॉलर का निवेश करने की तैयारी दर्शाई है। पीएम मोदी की जापान यात्रा और उसके बाद जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा के बाद जापान भारत में बुलेट ट्रेन चलाने में तकनीकी मदद कर रहा है। भारत के प्रधानमंत्री ने पहली बार इजराइल का दौरा किया और अब भारत इजराइल से एडवांस्ड डिफेंस तथा वॉटर टेकनोलॉजी प्राप्त करने जा रहा है। 2016 में पीएम मोदी ने फ्रांस के दौरे में भारत की वायुसेना के हाथों को मजबूत करने के लिये आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल की डील की, जिसकी पहली किश्त 2021 में भारत आने वाली है।
यह पीएम मोदी की कूटनीतिक सफलता ही है कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बावजूद भारत ईरान से सस्ते दामों से कच्चा तेल खरीदने की प्रक्रिया जारी रख पाया है और इस बीच उसने अमेरिका से भी पहली बार कच्चा तेल और लिक्विफाइड नैचुरल कार्गो गैस खरीदना शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के प्रयासों का ही परिणाम है कि विश्व की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी अमार्को भारत में पूंजीनिवेश करने की तैयारी कर रही है।
इस प्रकार पीएम मोदी के विदेश दौरे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थ व्यवस्था दोनों के लिये फायदेमंद सिद्ध हुए हैं। मोदी के विदेश दौरों ने ही भारत को विश्व में इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में प्रचारित किया और भारत विश्व में उभरती हुई वैश्विक अर्थ व्यवस्था के रूप में पहचान बना रहा है। भारत को बड़े-बड़े अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में जगह मिल रही है। पीएम मोदी ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और शांगरी ला सिक्योरिटी डायलॉग को संबोधित किया है। पाकिस्तान के विरोध के बावजूद इस्लामिक देशों के संगठन में भारत को तरजीह दी जा रही है। ऐसी अनेक सफलताओं का सेहरा पीएम मोदी के सिर ही बाँधा जा सकता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत का सम्मान बढ़ाया है।