आजादी के बाद से ही भारतीय रेलवे (Indian Railway) देश में ट्रांसपोर्टेशन का आधार रही है। लेकिन पिछले काफी समय से बढ़ते हादसों के कारण भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने की मांग की जा रही है। यही वजह है कि अब सरकार धीरे-धीरे ही सही इस दिशा में अपने कदम बढ़ा रही है। इसी बीच एक अच्छी खबर आयी है कि अब भारतीय रेलों को GPS System से लैस करने की तैयारी की जा रही है। सरकार के अनुसार, भारतीय रेलवे की 2700 इलेक्ट्रिक ट्रेनों को दिसंबर 2018 तक GPS से जोड़ दिया जाएगा।
रेल राज्यमंत्री ने दी जानकारी
बता दें कि संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने लिखित जवाब देते हुए बताया कि Railway Ministry और ISRO (Indian Space and Research Organization) के बीच एक सहयोग (Collaboration) हुआ है। जिसके तहत भारतीय रेलवे (Indian Railway) की ट्रेनों में Real Time Information System (RTIS) लगाया जाएगा। जिसकी मदद से ट्रेनों को ट्रैक किया जा सकेगा। फिलहाल पहले चरण में RTIS सिस्टम 2700 ट्रेनों में Install किया जाएगा।
रेल राज्यमंत्री ने संसद को दिए अपने जवाब में बताया है कि ट्रेनों में GPS सिस्टम लग जाने के बाद ट्रेनों के प्रस्थान करने और गंतव्य स्थान पर पहुंचने के सही समय का पता लगाया जा सकेगा। जिससे ट्रेनों की लेट होने की समस्या पर बेहतर तरीके से काम किया जा सकेगा। बताते चलें कि सभी ट्रेनों भारतीय GPS सिस्टम GAGAN (GPS Aided Augmented Navigation System) से जोड़ी जाएंगी।
Standerdize होंगी सभी ट्रेनें
ट्रेनों को GPS से जोड़ने के साथ ही Railway Ministry अब सभी ट्रेनों को डिब्बों के मामले में एकसमान करने पर भी विचार कर रही है। इस बदलाव के तहत सभी ट्रेनों में 22 डिब्बे होंगे, जिसके बाद कोई भी ट्रेन किसी भी रूट पर चलायी जा सकेगी। इसका फायदा ये होगा कि किसी ट्रेन के ज्यादा लेट होने की स्थिति में किसी अन्य ट्रेन को, जो कि उस वक्त जाने के लिए तैयार होगी, रवाना कर दिया जाएगा। बता दें कि अभी ट्रेनों को ICF और LHB श्रेणी में बांटा गया है, जिसमें ट्रेनें 12, 16, 18, 22 और 26 डिब्बों की होती हैं। अब इन श्रेणियों को हटाकर सभी ट्रे्नों को 22 डिब्बों के साथ जोड़ा जाएगा। हालांकि इसके लिए कई रूटों पर रेल की पटरियों को थोड़ा चौड़ा करने की जरुरत होगी।
Indian Railway करेगा ड्रोन का इस्तेमाल
त्यौहारों के दौरान या किसी अन्य मौकों पर रेलवे स्टेशनों में जुटने वाली भीड़ को अब ड्रोन कैमरे की सहायता से मैनेज किया जाएगा। इस संबंध में ट्रायल पूरा कर लिया गया है और जल्द ही जबलपुर की तीन डिवीजनों में इसका इस्तेमाल शुरु कर दिया जाएगा। भविष्य में पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा।