केन्द्र में सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी की सरकार ने जापान के साथ मिलकर भारत में पहली बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय क्या लिया, अर्थ व्यवस्था की पटरी पर मोदी सरकार की बुलेट ट्रेन सरपट दौड़ पड़ी। बुलेट ट्रेन चलाने के लिये जापान से हाथ मिलाने के साथ ही भारतीय अर्थ व्यवस्था में 7 प्रतिशत से भी अधिक की दर से बढ़ोतरी हुई जो देश के भविष्य के लिये शुभ संकेत है।
भले ही नोटबंदी को लेकर देश का एक वर्ग मोदी सरकार की आलोचना करता हो, परंतु सच तो यह है कि 2016 में नोटबंदी करने के बाद 2018 में तो भारत फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था वाला देश बन गया। इतना ही नहीं उम्मीद तो यह की जा रही है कि सन-2020 में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था वाले देश ब्रिटेन (UK) को भी पीछे छोड़ देगा। विश्व की अर्थ व्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो चुकी है।
मोदी सरकार के पिछले 5 साल के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP का रिकॉर्ड विकास हुआ है और इसकी दर पिछले 5 सालों में 7.6 प्रतिशत रही है। मोदी सरकार ने शुरुआती 4 साल में ही अर्थात् 2017-18 तक विदेशी पूंजी निवेश के 61 बिलियन डॉलर के आँकड़े को पार करके पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिये।
लोकसभा चुनाव 2019 में विपक्षी दल मोदी सरकार पर रोजगार को लेकर हमलावर हैं, परंतु आँकड़ों को देखें तो 2016 में उन बेरोजगार लोगों की दर जो अपने लिये नौकरी की तलाश नहीं कर रहे थे, उनका औसत 17.3 प्रतिशत था, जो दिसंबर-2018 तक घटकर 9.5 प्रतिशत रह गया। वहीं जो लोग नौकरी तलाश कर रहे थे, ऐसे बेरोजगार लोगों की दर 8.7 से घटकर दिसंबर-2018 में 7.3 प्रतिशत हो गई।
गरीबी की बात करें तो सन-2004-05 में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की दर 41.8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 25.7 प्रतिशत थी, जो गिरते-गिरते 2018 तक ग्रामीण क्षेत्र में 4.25 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में मात्र 3.79 प्रतिशत हो गई है।
देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये जीएसटी को लागू करना बहुत बड़ा और मुश्किल काम था, इसे लागू करने पर शुरुआत में कुछ परेशानियाँ भी सामने आईं, परंतु इसके परिणामस्वरूप राजस्व संग्रह स्थिर हो गया, जिससे यह कहा जा सकता है कि जीएसटी लाने का कदम सराहनीय है। सन-2017-18 में प्रत्यक्ष कर 2 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुँच गया जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। सन-2016-17 में आयकर रिटर्न की संख्या 5.43 करोड़ थी, जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 6.78 करोड़ हो गई।
सरकार ने सामान्य लोगों को सीधे-सीधे प्रभावित करने के लिये मेक इन इण्डिया कार्यक्रम की घोषणा की। ताकि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में अपने प्लांट लगाएँ और स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के अवसर पैदा हों तथा अर्थ व्यवस्था को भी बल मिले। इसके लिये कई देशों तथा राज्यों और केन्द्र सरकार के बीच महत्वपूर्ण सौदों पर हस्ताक्षर हुए। सरकार के डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम से भविष्य के रास्ते खुले। 2020 तक देश के सभी गाँवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुँच चुकी होगी, जिससे गाँव दुनिया के साथ कदम से कदम मिला सकेंगे।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक निजी चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा है कि हर चुनाव में मतदाता महँगाई को लेकर शोर मचाते हैं, परंतु इस बार के चुनाव में महँगाई का कोई मुद्दा ही नहीं है, यह उनके लिये और उनकी सरकार तथा पार्टी के लिये किसी उपलब्धि से कम है क्या ?