रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 2 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। जब से भारत ने धारा 370 हटाकर जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया है, तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। उसके प्रधानमंत्री से लेकर कई मंत्री, सेना और रिटायर सेनाधिकारी भी भारत को युद्ध और परमाणु हथियारों की गीदड़भभकी देते आ रहे हैं। हालाँकि भारत को यह कदम उठाए सोमवार को 28 दिन हो गये, इस बीच पाकिस्तान की हर मोर्चे पर सिर्फ और सिर्फ किरकिरी ही हुई है। पाकिस्तान की आँखों की नींद तो उड़ी हुई है ही, अब भारतीय सेना ने उसके होश उड़ाने वाला एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है।
क्या है भारतीय सेना का नया एक्शन प्लान ?

भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान से जुड़ी भारत की 3,323 किलोमीटर लंबी पश्चिमी सीमा पर दोनों देशों के बीच व्याप्त तनाव के बीच भारतीय सेना में सबसे बड़ा बदलाव करने का निर्णय किया है। इस बदलाव के अनुसार 20,000 से 25,000 जवानों के नये एकीकृत लड़ाकू समूह (INTEGRATED BATTLE GROUP-IBG) बनाकर सीमा पर तैनात करने की योजना बनाई है। जनरल रावत के अनुसार इस साल के अंत तक सेना भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस प्रकार के एकीकृत लड़ाकू समूहों को तैनात कर देगी। उनके अनुसार भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा के साथ-साथ पूर्वी सीमा पर भी सुरक्षा की दृष्टि से 11 से 13 ऐसे ग्रुप बनाकर तैनात करने की योजना बनाई है।
कितने खास हैं इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप ?

रक्षा मंत्रालय ने 11वीं वाहिनी (XI CORPS) के पुनर्गठन की मंजूरी दी है, जो हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित है। इसी से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाएँगे और इन्हें पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2009 में बनी 11वीं वाहिनी भारतीय सेना की सबसे युवा वाहिनी में से एक है और यह चंडी मंदिर, हरियाणा स्थित पश्चिमी सेना कमान का हिस्सा है। पाकिस्तान की नापाक हरकतों को विफल करने के लिये यह समूह बनाये जा रहे हैं। यह भारतीय सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल बिपिन रावत इस पुनर्गठन के प्रस्तावक हैं। आईबीजी का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शामिल करना है। इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा और साजो-सामान शामिल हैं। इस ग्रुप को जंग के लिये पूरी तरह से तैयार इकाई बनाया जाएगा।
लड़ाई के पुराने तरीकों से अलग होगा बैटल ग्रुप !

नया एकीकृत लड़ाकू ग्रुप सेना की लड़ाई के पुराने तरीकों से बिल्कुल अलग होगा। यह ग्रुप युद्ध जैसे हालात में दुश्मनों से निपटने के लिये पूरी तरह से सक्षम होगा। प्रत्येक ग्रुप में कम से कम तीन ब्रिगेड शामिल होंगे। आईबीजी औसत में छोटा होगा और इसमें औसत 20,000 से 25,000 जवानों को शामिल किया जाएगा। प्रत्येक आईबीजी लड़ाई के लिये स्व-निहित लड़ाकू इकाई होगी और आवश्यक सभी हथियारों व सैनिकों से सज्ज होगी। इसके पास वायु शक्ति, तोप खाने आदि सब हथियार होंगे, जहाँ पर इन ग्रुप्स को तैनात किया जाएगा, वहाँ पर आईबीजी के पास हर ब्रिगेड में 6 से 8 बटालियन होंगी। आवश्यकता पड़ने पर यह ग्रुप्स अन्य यूनिट से सहयोग ले सकेंगे। आईबीजी छोटे और अधिक फ्लेक्सिबल होंगे, ताकि त्वरित एक्शन हो सके। प्रत्येक आईबीजी की कमान प्रमुख जनरल रैंक के अधिकारी को सौंपी जाएगी।