हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक ऐसे बच्चों में मानसिक बीमारी होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है, जो कि किसी पुरानी बीमारी (Chronic Illness) से ग्रस्त हैं (Kids Chronic Illness cause Mental Problems)। जी हां,कनाडा की University of Waterloo द्वारा किए गए एक सर्वे में इस बात की जानकारी मिली है।
Kids Chronic Illness cause Mental Problems
रिसर्च के दौरान 6-16 साल के ऐसे बच्चों पर अध्धयन किया गया, जो हाल ही में किसी Chronic Illness जैसे अस्थमा, फूड एलर्जी, डायबिटीज आदि के शिकार हुए थे। अध्धयन में यह बात उभरकर सामने आयी कि किसी Chronic Illness से ग्रस्त होने के 1 महीने में ही काफी बच्चों में मानसिक बीमारी के लक्षण उभरने लगे। आंकड़ों की बात करें तो अध्धयन किए गए कुल बच्चों में से 58% में मानसिक बीमारी के लक्षण दिखाई दिए। इन मानसिक बीमारियों में घबराहट (Anxiety Disorders) की समस्या सबसे ज्यादा पायी गई। इसके अलावा बच्चों में अपनों से बिछड़ने का डर या किसी फोबिया की समस्या प्राथमिक तौर पर देखी गई। बता दें कि रिसर्चरों का मानना है कि असल आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है।
इस रिसर्च में सबसे खास बात यह पता चली कि ऐसे बच्चों में मानसिक बीमारी के लक्षण शुरुआत में ही दिखाई देते हैं। यदि इन लक्षणों पर ध्यान ना दिया जाए तो 6 महीने के बाद ये लक्षण या तो दिखाई देने बंद हो जाते हैं या फिर कम हो जाते हैं। जिससे बाद में बच्चों में मानसिक बीमारी का पता लगाना काफी मुश्किल होता है। इस तरह कह सकते हैं कि किसी लम्बी बीमारी से ग्रस्त बच्चे पर शुरुआत में काफी ध्यान देने की जरुरत है। साथ ही ऐसे बच्चों को भावनात्मक देखभाल की भी काफी आवश्यकता होती है।
Journal BMJ Open में इस रिसर्च को पब्लिश किया गया है। बहरहाल इस रिसर्च के बाद कहा जा सकता है कि बीमार बच्चों को खास देखभाल की जरुरत होती है, ताकि उन्हें भविष्य में इस लापरवाही का खामियाजा ना भुगतना पड़े।