रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 17 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंगलवार 17 सितंबर 2019 को 69वाँ जन्मदिन है। इस अवसर पर पूरा देश उन्हें बधाई दे रहा है। एक तरफ जब राजनीतिक महत्वाकाँक्षाओं के चलते वर्तमान राजनेता भ्रष्टाचार की कालिख से सने नज़र आते हैं, वहीं पीएम मोदी की छवि और उनका राजनीतिक चरित्र साफ-सुथरा, बेदाग, उज्जवल और भ्रष्टाचार से मुक्त है। राजनीति को राजनेताओं की महत्वाकांक्षा ने परिवारवाद की गर्त में धकेल दिया है, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी का भी एक भरा-पूरा विशाल परिवार होने के बावजूद उन्होंने अपना निजी जीवन और राजनीतिक जीवन दोनों ही एक कर्मयोगी की भांति जिये हैं। उनकी यही विशेषता उन्हें औरों से अलग और विशिष्ट बनाती है। तो आइये जानते हैं पीएम मोदी के परिवार में कौन-कौन हैं और क्या करते हैं ?
पीएम मोदी का परिवार…

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पिता दामोदरदास मोदी और माता हीराबा की 6 संतानों में से तीसरे नंबर के बेटे हैं। उनके माता-पिता की 6 संतानों में 5 भाई और एक बहन हैं। सबसे बड़े भाई का नाम सोमाभाई मोदी है, दूसरे क्रम के अमृतभाई मोदी, तीसरे नरेन्द्र मोदी, चौथे भाई प्रहलाद मोदी, पाँचवें भाई पंकज मोदी हैं। नरेन्द्र मोदी की बहन का नाम वासंतीबेन है।
पीएम मोदी के पिता दामोदरदास मोदी भी 6 भाई थे। खुद दामोदर दास के अलावा अन्य 5 भाइयों के नाम नरसिंह दास, नरोत्तम दास, जगजीवन दास, कांतिलाल और जयंतीलाल थे। पीएम मोदी के पिता दामोदर दास मोदी तत्कालीन मुंबई राज्य के मेहसाणा जिले के वड़नगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे। हीराबा गृहिणी थी। पीएम मोदी का परिवार गरीब और गुमनाम जीवन जीता था। दामोदर दास के बेटे कड़ी मेहनत और पढ़ाई से अपने परिवार का स्तर ऊँचा लाये। आज भी पीएम मोदी के भाइयों का परिवार मध्यम वर्गीय जीवन जीता है।

पीएम मोदी के सबसे बड़े भाई सोमाभाई मोदी गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग में काम करते थे, अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अहमदाबाद में एक वृद्धाश्रम चलाते हैं तथा समाज सेवा के काम करते हैं। अक्टूबर-2018 में पुणे में एक एनजीओ (NGO) के कार्यक्रम में जब संचालक ने मंच से सबको बताया कि सोमाभाई पीएम मोदी के भाई हैं, तो सुनकर सब चौंक गये। फिर सोमाभाई ने कहा, ‘मैं नरेन्द्र मोदी का भाई हूँ, प्रधानमंत्री का नहीं। प्रधानमंत्री मोदी के लिये तो मैं भी 123 करोड़ देशवासियों में से ही एक हूँ, जो सभी उनके भाई और बहन हैं।’

पीएम मोदी के दूसरे बड़े भाई अमृतभाई मोदी एक निजी कंपनी में फीटर के पद से रिटायर हो चुके हैं, जहाँ 2005 में उनका वेतन 10,000 रुपये था। अब वो अहमदाबाद के घाटलोड़िया इलाके में एक चार कमरों वाले मकान में धर्मपत्नी चंद्रकांताबेन के साथ सेवा निवृत्त जीवन गुजारते हैं। उनके साथ उनका 47 साल का बेटा संजय, उसकी पत्नी और दो बच्चे रहते हैं। उनका बेटा संजय छोटा-मोटा कारोबार करता है और लेथ मशीन पर छोटे-मोटे कल-पुर्जे बनाता है। उनके घर के बाहर एक कार खड़ी रहती है, जो कवर से ढंकी रहती है। यह कार 2009 में खरीदी गई थी और यह खास मौकों पर ही घर से बाहर निकलती है। उनका परिवार ज्यादातर दुपहिए वाहन पर ही चलता है। संजय का कहना है कि उनके परिवार में से किसी ने अभी तक विमान को अंदर से नहीं देखा है। वे लोग नरेन्द्र मोदी से सिर्फ दो बार मिले हैं। एक बार 2003 में तब, जब बतौर मुख्य मंत्री मोदी ने गांधीनगर में अपने घर पर पूरे परिवार को बुलाया था और दूसरी बार मई 2014 में सब फिर से उसी घर में एकत्र हुए थे।

पीएम मोदी के तीसरे भाई प्रहलाद मोदी जो उनसे उम्र में दो साल छोटे हैं, वह अहमदाबाद में एक किराने की दुकान चलाते हैं। उनका एक टायर का शोरूम भी है। पिछले काफी समय से वह नरेन्द्र मोदी के संपर्क में नहीं थे। पिछले 13 साल में उनकी और नरेन्द्र मोदी की बहुत कम मुलाकातें और बातचीत हुई हैं। बीते मई महीने में प्रहलाद मोदी की धर्मपत्नी भगवतीबेन का निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ। वह काफी समय से बीमार भी चल रही थी और अहमदाबाद के ही एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

पीएम मोदी के सबसे छोटे भाई पंकज मोदी गांधीनगर में रहते हैं। उनकी धर्मपत्नी का नाम सीताबेन है। पंकजभाई राज्य सरकार के सूचना विभाग में थे, वह भी रिटायर हो चुके हैं। पीएम मोदी की माँ हीराबा पंकज मोदी के साथ ही रहती हैं। पंकजभाई इस मामले में भाग्यशाली हैं कि माँ के साथ रहने से उनकी मुलाकात भाई मोदी से होती रहती है।

पीएम मोदी की एक बहन वासंतीबेन हसमुखभाई मोदी हैं। उनके पति हसमुखभाई मोदी भारतीय जीवन बीमा में थे। वासंतीबेन भी गृहिणी हैं। इसके अलावा पीएम मोदी के सगे चाचा नरसिंह दास मोदी के बेटे भरतभाई मोदी वड़नगर से 65 कि.मी. दूर एक पेट्रोलपंप पर काम करते हैं। पीएम मोदी के अन्य कज़न भाई-बहनों का भी कुछ ऐसा ही हाल है।

जहाँ तक पीएम नरेन्द्र मोदी के अपने परिवार की बात है तो उनके पिता ने नरेन्द्र मोदी की 13 साल की उम्र में गाँव के ही चमनलाल की बेटी जसोदा से सगाई कर दी थी और मात्र 17 साल की उम्र में उनकी जसोदाबेन से शादी हो गई थी। शादी के बाद नरेन्द्र मोदी और जसोदाबेन साथ रहे या नहीं रहे, इसे लेकर अलग-अलग दावे किये जाते हैं। कुछ का कहना है कि शादी जरूर हुई, परंतु वह साथ नहीं रहे, क्योंकि बालिग होने पर जसोदा को विदाई करके घर लाया जाता, उससे पहले ही मोदी ने घर छोड़ दिया था, जबकि कुछ लोगों का दावा है कि शादी के बाद कुछ साल मोदी और जसोदाबेन साथ रहे। इसके बाद स्वेच्छा से मोदी और जसोदाबेन ने एक दूसरे का त्याग कर दिया। जसोदाबेन ने इसके बाद किसी और से शादी नहीं की। पीएम मोदी ने भी चार विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान शपथपत्र में स्वयं को अविवाहित दर्शाने के बाद संसदीय चुनाव लड़ने के दौरान स्वीकार किया कि वह विवाहित हैं।
इस प्रकार पीएम मोदी का परिवार आज भी वैसा ही गुमनामी वाला साधारण जीवन जी रहा है, जैसा 2001 में नरेन्द्र मोदी के गुजरात के सीएम बनने से पहले जी रहा था। पीएम मोदी खुद भी इसके लिये अपने परिवारजनों की प्रशंसा करते हैं कि मैं परिवार से निर्लिप्त अपने कामों में व्यस्त रहता हूँ तो इसका श्रेय मेरे भाइयों और भतीजों को दिया जाना चाहिये, जो साधारण जीवन जी रहे हैं। उन्होंने कभी किसी भी रूप में मुझ पर कोई दबाव बनाने की कोशिश नहीं की। सचमुच, आज की दुनिया में ऐसा परिवार और पीएम मिलना दुर्लभ है।