रिपोर्ट : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद, 5 जुलाई, 2019 (YUVAPRESS)। पूरे 49 वर्षों के बाद लोकसभा में किसी महिला ने देश का बजट पेश किया। 28 फरवरी, 1970 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहली बार एक महिला वित्त मंत्री के रूप में देश का बजट पेश किया था। अब 49 वर्ष बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट प्रस्तुत करने वाली देश की दूसरी महिला वित्त मंत्री बन गईं। यद्यपि इंदिरा और निर्मला में एक बुनियादी फर्क़ है। इंदिरा पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री नहीं थीं, जबकि निर्मला देश की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं।
वैसे, इंदिरा के बारे में तो पूरा देश बहुत कुछ जानता है, परंतु आप निर्मला के बारे में कितना जानते हैं ? इंदिरा गांधी जहाँ स्वतंत्रता आंदोलन से ही चर्चित स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल नेहरू की बेटी होने के नाते चर्चित थीं। इंदिरा ने स्वतंत्रता के बाद भी पिता नेहरू की राजनीतिक विरासत संभाली। कहा जा सकता है कि इंदिरा आजीवन भारतीय राजनीति का चमकता चेहरा रहीं, परंतु निर्मला सीतारमण के साथ कोई लम्बी-चौड़ी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। उन्हें राजनीति में आए मात्र 13 वर्ष हुए हैं।
18 अगस्त, 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में जन्मीं निर्मला सीतारमण की जीवन यात्रा कुछ ऐसी रही है कि उनके बारे में कभी कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि वे एक दिन देश की प्रथम महिला रक्षा मंत्री और प्रथम महिला वित्त मंत्री बनेंगी। स्वयं निर्मला ने भी नहीं सोचा होगा कि वे कभी देश की सरकार में इतने महत्वपूर्ण पदों तक पहुँचेंगी, क्योंकि 60 वर्षीय निर्मला सीतारमण के जीवन के प्रारंभिक 47 वर्ष राजनीति से कोसों दूर बीते।
लंदन की सड़कों पर SALES GIRL थीं निर्मला

आज देश के कैश की स्वामिनी निर्मला सीतारमण कभी लंदन की सड़कों पर सेल्स गर्ल के रूप में काम करती थीं। निर्मला के पिता नारायण सीतारमण रेलवे कर्मचारी थे। इस कारण निर्मला के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी थी। निर्मला बीए, एमए और टेक्सटाइल ट्रेड में एमफिल की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने गेट फ्रेमवर्क के तहत इंडो-यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड में पीएचडी भी की। अब तक निर्मला भारत में थीं, परंतु 1986 में आंध्र प्रदेश निवासी परकल प्रभाकर से विवाह के बाद निर्मला पति के साथ ब्रिटेन चली गईं। प्रभाकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी कर रहे थे, तो निर्मला सीतारमण ने लंदन की होम डेकोर कम्पनी हैबिटैट जॉइन कर ली।

निर्मला इस कम्पनी में सेल्स गर्ल का काम करने लगीं। एक सेल्स गर्ल के रूप में निर्मला को लंदन की सड़कों पर काउंटर डाल कर कम्पनी का होम डेकोर (घर सजावट) का सामान बेचना होता था।

यद्यपि कुछ समय बाद निर्मला ने यह नौकरी छोड़ दी और वे लंदन की ही एक विख्यात कम्पनी प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (PWC) में सीनियर मैनेजर बनीं। निर्मला 5 वर्ष लंदन रहीं और 1991 में पति के साथ भारत लौट आईं।
भाजपा ने पहचानी निर्मला की निपुणता

भारत लौटने के बाद निर्मला सीतारमण शिक्षा के क्षेत्र में काम करने लगी थीं, परंतु भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी-BJP) ने निर्मला की निपुणता को परख लिया। इसीलिए वर्ष 2003 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने निर्मला को राष्ट्रीय महिला आयोग (NWC) का सदस्य नियुक्त किया। वे दो साल इस पद पर रहीं। वर्ष 2006 में निर्मला ने भाजपा जॉइन कर ली। यद्यपि 2007 में उनके पति परकल प्रभाकर अभिनेता चिरंजीवी की प्रजा राज्य् पार्टी में शामिल हुए, परंतु कुछ ही दिनों बाद वे भी भाजपा से जुड़ गए। भाजपा में शामिल होने के बाद निर्मला की निपुणता निरंतर निखरती गई और भाजपा ने निरंतर उन्हें इसके लिए अवसर भी दिया। 2008 में भाजपा ने निर्मला को राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया।
मोदी ने लगाए निर्मला को पंख

वाजपेयी सरकार का तो 2004 में पतन हो गया, परंतु भाजपा जॉइन करने के बाद निर्मला ने संगठन में कड़ा परिश्रम किया। इस बीच 10 वर्षों के बाद केन्द्र में भाजपा सरकार की वापसी हुई। भाजपा ने पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल किया और नरेन्द्र मोदी 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने। मोदी ने सत्ता संभालते ही निर्मला की निपुणता को मानो पंख लगा दिए।

मोदी ने अपने प्रथम मंत्रिमंडल में निर्मला सीतारमण को देश की रक्षा मंत्री बनाया। आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सदस्य निर्मला देश की प्रथम महिला रक्षा मंत्री बनीं। मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2019 में दोबारा पूर्ण बहुमत हासिल किया, तो मोदी ने निर्मला को एक नया उत्तरदायित्व दिया और एक समय लंदन की सड़कों पर सेल्स गर्ल का काम करने वालीं निर्मला सीतारमण आज देश की कैश वुमैन बन चुकी हैं।