वॉशिंगटनः- चीन Maldives में तेजगति से अपना पैर फैला रहे है। जिसकी वजह से अमेरिका की नींद उड़ी हुई है। कुछ समय पहले Maldives के एक पूर्व मंत्री ने चीन पर मालदीव में जमीन हथियाने का आरोप लगाया था। हांलांकि इन आरोपों को देखते हुए पेंटागन ने शनिवार को कहा कि यह अमेरिका के लिए चिंता का कारण है।
इस बीच Pentagon के शीर्ष अधिकारी Joey Felter ने जानकारी देते हुए बताया कि ’’ अमेरिका एक स्वतंत्र और खुले India-Pacific Rules के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जहां तक चीनी प्रभाव की बात है, मालदीव में चिंतित करने वाली गतिविधियां देखी गई हैं ’’। इतना ही नहीं अधिकारी ने यह भी कहा ’’ यह स्थिति भारत के लिए चिंताजनक है और हमारे लिए भी यह चिंता का विषय है। अब बस यह देखना है कि इससे कैसे निपटा जाए। यह हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है ’’।
अमेरिका और भारत के लिए पैदा हो सकता है खतरा
Maldives में चीन का हस्तक्षेप अमेरिका के साथ साथ भारत के लिए चिंता का विषय इसलिए बनता जा रहा है कि चीन और भारत के बीच समय-समय पर विवाद चलते रहे हैं। जबकि मालदीव के साथ भी भारत के संबंधों में उस वक्त तनाव आ गया था, जब वहां के राष्ट्रपति ने फरवरी में मालदीव में आपातकाल घोषित कर दिया था। ऐसे में चीन की मालदीव से निकटता भारत के पसीने छुड़ाने वाली है।
गोरतलब यह है कि हाल ही में अमेरिका के दौरे के बीच मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अहमद नसीम ने यह आरोप लगाया था कि ’’ चीन Maldives के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और वहां जमीन हथियाने की कोशिश कर रहा है ’’। हांलांकि अहमद नसीम ने यह भी कहा था कि अगर इस पर नजर नहीं रखी गई और कुछ नहीं किया गया तो अमेरिका और भारत दोनों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
जबकि Pentagon का कहना है कि मालदीव में चीन की ये गतिविधियां उन सभी राज्यों के लिए चिंता का विषय हैं जो Rule Based Order चाहते हैं। पेंटागन ने यह भी कहा कि ’’हम मानते हैं कि हर छोटे-बड़े राज्य के अधिकार तभी पूरे किए जा सकते हैं जब हम एक स्वतंत्र और खुले इंडिया-पसिफिक नियम अपनाएं और नियम आधारित आदेश बनाएं। चीन की कुछ गतिविधियां, जो हमने देखी हैं, वे चिंतिंत करती हैं क्योंकि वे उन हितों के अनुरूप नहीं हैं। मुझे संदेह है कि भारत इन चिंताओं को साझा करता है भी या नहीं ’’।