आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ आपने जरूर देखी होगी। फिल्म में आमिर खान ने फुंसुख वांगड़ू का रोल प्ले किया था। फुंसुख वांगड़ू ने हमारे एजुकेशनल सिस्टम को लेकर सवाल उठाया। हर किसी को फिल्म पसंद आई और फिल्म का मैसेज भी। अगर आपको नहीं मालूम है तो बता दें कि यह किरदार काल्पनिक नहीं है। यह सच्ची घटना है लद्दाख के रहने वाले सोनम वांगचुक की। Sonam Wangchuk ने NIT, श्रीनगर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और आज वे एक सफल एंटरप्रेन्योर हैं।
Sonam Wangchuk पर आधारित है 3-Idiots
हाल ही में वे कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में अमिताभ के साथ हॉट सीट पर बैठकर फिर से सुर्खियों में आए। सोनम वांगचुक की जिंदगी उन लोगों के लिए किताब की तरह है जो अपने दम पर इनोवेशन और आइडियाज की बदौलत अपनी पहचान बनाना चाहते हैं और दूसरें के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना चाहते हैं। सोनम वांगचुक फिलहाल लद्दाख में ही शिक्षा और पर्यावरण सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं।
Sonam Wangchuk को 2016 में मिला रोलेक्स अवार्ड
नवंबर 2016 में उन्हें रोलेक्स अवार्ड से सम्मानित किया गया था। सम्मान राशि के तौर पर उन्हें 1 करोड़ नकद इनाम मिला जिसका इस्तेमाल उन्होंने लद्दाख में आइस स्तूप निर्माण के लिए किया। आइस स्तूप के पीछे उनका कॉन्सेप्ट स्कूल ‘एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL)’ के छात्रों का बहुत बड़ा योगदान है। SECMOL सोनम वांगचुक की संस्था है जो उन छात्रों के लिए काम करती है जिन्हें शिक्षित करने में सरकार नाकाम रही। SECMOL में एक छात्र ही दूसरे छात्रों को पढ़ाते हैं। ‘शिक्षा बांटने से बढ़ती है’, यही यहां की रीति और नीति है।
आइस स्तूप का सफल प्रयोग किया
लद्दाख जमीन से करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसा कोल्ड डेजर्ट एरिया है। यहां के लोगों के आय का मुख्य साधन टूरिज्म है। लेकिन विंटर में यहां जिंदगी की रफ्तार रुक जाती है। ऐसे में सोनम वांगचुक ने इस प्राकृतिक खामियों को ही यहां के लोगों की आय का मुख्य जरिया बनाने का संकल्प लिया। इसी संकल्प की वजह से सोनम वांगचुक ने आइस स्तूप का सफल प्रयोग किया। लद्दाख को उन्होंने विंटर हॉट स्पॉट बनाने की ठान ली है और अब तक जो यहां के लिए अभिशाप था उसे उन्होंने वरदान में तब्दील कर दिया। लद्दाख में अब विंटर के मौसम में भी हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। अगर आपको आइस स्पोर्ट्स और आइस होटल का लुत्फ उठाना है तो विंटर मौसम में लद्दाख जाइए।
सिस्टम के बजाए लोगों को बदलना ज्यादा जरूरी
Sonam Wangchuk हमेशा कहते हैं कि अगर सिस्टम को बदलना है तो नेता बदलने के बजाए लोगों को बदलिए। अपने हर संबोधन में वे कहते हैं कि बेहतर कल की जिम्मेदारी हम युवाओं पर है। युवा प्रेस भी इसी सोच पर काम करती है। हम युवाओं को वह दिशा दिखाना चाहते हैं जिस पर चलकर बेहतर कल का सपना पूरा हो सके।