लोकसभा चुनाव 2019 में इस बार हर बार की तरह उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल सर्वाधिक चर्चा में रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा-BJP) ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से अधिक से अधिक सीटें जीतने की जो रणनीति अपनाई थी और उसके लिए जो मारक प्रचार अभियान किया था, वह रंग लाता दिखाई दे रहा है।
ख़बर लिखे जाने तक प्राप्त रुझानों के अनुसार पश्चिम बंगाल में दीदी के उपनाम से प्रसिद्ध तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी पर नरेन्द्र मोदी भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। रुझानों के अनुसार 2014 में 42 में से 34 सीटें जीतने वाली ममता-टीएमसी के गढ़ में भाजपा ने भारी सेंध लगाई है और वह 19 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि टीएमसी 20 सीटों पर ही आगे चल रही है।
पूरे चुनावी अभियान में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में ममता के विरुद्ध पूरी ताकत झोंक दी थी, जिसका असर रुझानों में दिखाई दे रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता-टीएमसी के कथित भय के साये में भी जनता में मोदी लहर चल रही थी और रुझानों में दिखाई भी दे रहा है कि भाजपा टीएमसी को बराबर की टक्कर दे रही है। यदि रुझान परिणाम में परिवर्तित होते हैं, तो बंगाल की बाघिन का गढ़ ढहना निश्चित है। इतना ही नहीं, ममता और टीएमसी के लिए दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव 2021 में वापसी करने की राह भी कठिन हो सकती है।