* सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घट कर 12 रह जाएगी
रिपोर्ट : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद 30 अगस्त, 2019 (युवाPRESS)। अर्थ व्यवस्था में मंदी को लेकर घिरी मोदी सरकार एक के बाद एक आर्थिक निर्णय कर रही है। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने देश के 18 सरकारी बैंकों में से 10 सरकारी बैंकों का आपस में विलय करने का निर्णय किया है। 10 सरकारी बैंकों के विलय से 4 बड़े और नए बैंकों का उदय होगा। यद्यपि इसके साथ ही देश में सरकारी बैंकों की मौजूदा संख्या 18 से घट कर 12 रह जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश के 18 में से 10 सरकारी बैंकों के आपस में विलय की घोषणा की। पहले आपको यह बता देते हैं कि देश में इस समय 18 सरकारी बैंक कौन-कौन से हैं ? वर्तमान में देश में जो 18 सरकारी बैंक हैं, उनमें इलाहाबाद बैंक, आंध्र बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कैनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), पंजाब एण्ड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), भारतीय स्टेट बैंक (STATE BANK OF INDIA) यानी SBI, सिंडीकेट बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
इन 10 बैंकों के विलय से निकलेंगे 4 नए बड़े बैंक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुल 4 बैंक विलयों की घोषणा की है। पहले विलय के अंतर्गत पीएनबी, ओबीसी और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय होगा। इसी प्रकार कैनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय होगा। यूनियन बैंक, आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होगा। विलय नंबर 4 में इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय होगा। इन 4 विलयों के बाद देश को 4 नए बड़े बैंक मिलेंगे अर्थात् 10 बैंकों के विलय से इनकी संख्या घट कर 4 बैंकों पर आ जाएगी। बैंकों के इस विलयीकरण से देश को दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक मिलेगा। यह बैंक पीएनबी, ओबीसी और युनाइटेड बैंक के विलय से बनने वाला बैंक होगा। इन तीनों बैंकों के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएँ होंगी। इसी प्रकार कैनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय के बाद बनने वाले बैंक का कारोबार 15.20 करोड़ रुपए होगा और यह देश का चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) का बैंक बनेगा। यूनियन बैंक, आंध्र बैंक व कॉर्पोरेशन बैंक के विलय से बनने वाले बैंक का कुल कारोबार 14.59 करोड़ रुपए होगा, जो देश का पाँचवाँ बड़ा पीएसयू बैंक होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपए के कारोबार वाला बैंक उभरेगा, जो देश का 7वाँ सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा।