रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 4 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो किसी न किसी कारण से कम पढ़े-लिखे रह जाते हैं, ऐसे लोगों को उचित मानदेय वाली नौकरी पाने में कठिनाई होती है। हालाँकि अब ऐसे लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मोदी सरकार ने ऐसे लोगों की चिंता दूर करने के लिये ही कौशल विकास योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत कम पढ़े-लिखे लोग अपने पसंदीदा क्षेत्र में रोजगार पाने के लिये उसका प्रशिक्षण ले सकते हैं और न सिर्फ नौकरी बल्कि स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं।
क्या है कौशल विकास योजना ?

केन्द्र सरकार की कौशल विकास योजना कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत् है। इस योजना के तहत देश भर में कौशल विकास केन्द्र शुरू किये गये हैं, जहाँ कम पढ़े-लिखे लोगों को विविध तकनीकी क्षेत्रों का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वह पसंदीदा तकनीकी क्षेत्र में काम करने की कुशलता प्राप्त करके नौकरी अथवा स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। यहाँ प्रशिक्षण के साथ-साथ युवाओं को 8 हजार रुपये की सरकारी सहायता भी दी जाती है और प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कौशल कार्ड और सर्टिफिकेट भी दिया जाता है, जो पूरे देश में मान्य होता है। इस प्रमाणपत्र और कौशल कार्ड के आधार पर युवा सरकारी कंपनियों के अलावा निजी क्षेत्र की कंपनियों में भी सम्मानित स्तर की नौकरी प्राप्त कर सकते हैं अथवा स्वरोजगार भी कर सकते हैं। यदि ऐसे युवाओं के पास स्वरोजगार शुरू करने के लिये पैसे नहीं हैं तो सरकार की मुद्रा योजना के तहत ऐसे लोगों को आर्थिक सहायता लोन के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। इस प्रकार मोदी सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये हर स्तर पर प्रयासरत् है। कौशल विकास केन्द्रों में निर्माण क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर, फिटिंग, हस्तशिल्प, रत्न, आभूषण और चमड़ा प्रोद्योगिकी सहित लगभग 40 तकनीकी पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह पाठ्यक्रम पूरा होने पर अनुमोदित एजेंसी की ओर से आपका मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें पास होने वाले युवाओं को सरकारी प्रमाणपत्र और कौशल कार्ड दिया जाता है।
कौशल विकास के लिये कैसे करें आवेदन ?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके लिये पीएमकेवीवाई ऑफिशियल डॉट ओआरजी नामक वेबसाइट पर जाकर अपना नाम, पता और ई-मेल की जानकारी भरनी होती है। इस कौशल विकास केन्द्र में प्रवेश के लिये आपके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज़ के दो फोटोग्राफ्स होना जरूरी हैं। फॉर्म भरने के बाद आवेदक को उस तकनीकी क्षेत्र को चुनना होता है, जिसका वह प्रशिक्षण लेना चाहता है। इसमें एक अतिरिक्त क्षेत्र का भी नामोल्लेख करना जरूरी है, ताकि यदि आपके पसंदीदा क्षेत्र में प्रवेश पूरा हो चुका हो तो आपको अतिरिक्त क्षेत्र में प्रवेश का विकल्प उपलब्ध कराया जा सके। इन सूचनाओं को भरने के बाद आपको प्रशिक्षण केन्द्र का विकल्प चुनना होगा, जो आपके नजदीक हो, उस केन्द्र का विकल्प आप चुन सकते हैं। इन केन्द्रों में पंजीकरण की प्रक्रिया हर तीन माह, छह माह और वार्षिक स्तर पर की जाती है। सेक्टर स्किल कौंसिल इसमें दिये गये प्रशिक्षण का संचालन करती है। इसके बाद प्राप्त होने वाले सरकारी प्रमाणपत्र और कौशल कार्ड से युवाओं को नौकरी प्राप्त करना आसान हो जाता है।
2 लाख ‘आयुष्मान मित्रों’ की होगी भर्ती

कौशल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 साल में 2 लाख पदों पर ‘आयुष्मान मित्रों’ की भर्ती करने के लिये समझौता किया है। यह भर्ती लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ केन्द्र सरकार की महत्वाकाँक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ को सुचारू रूप से चलाने के लिये की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि यह आयुष्मान मित्र केन्द्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किये गये अस्पतालों में उपचार लेने वाले रोगियों की सहायता करेंगे और आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी रोगियों तथा अस्पताल के बीच समन्वय करेंगे। आयुष्मान भारत योजना जिसे जन आरोग्य योजना भी कहा जाता है, 25 सितंबर-2018 को शुरू हुई है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है।
आयुष्मान मित्र बनने के लिये क्या करना होगा ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार आयुष्मान मित्रों की सीधी भर्ती नहीं करेगी। इसके लिये सरकार उन कंपनियों से मदद लेगी, जो मैन पॉवर सप्लाई करने का काम करती हैं। इसके बाद कंपनियों का चयन बिडिंग के आधार पर किया जाएगा। अलग-अलग इलाकों में बिडिंग के माध्यम से कंपनियों को काम दिया जाएगा। बिडिंग में सफल होने वाली कंपनी ही स्वास्थ्य मित्र की भर्ती करेगी। सितंबर के इसी पहले सप्ताह में कंपनियों का चयन हो जाएगा, जबकि दूसरे सप्ताह से इन कंपनियों के माध्यम से आयुष्मान मित्रों की भर्ती शुरू हो जाएगी। आयुष्मान मित्र बनने के इच्छुक लोगों को इन कंपनियों से संपर्क करना होगा। चयनित आयुष्मान मित्रों को मासिक 15 हजार रुपये सैलरी दी जाएगी। चयनित आयुष्मान मित्रों को सरकारी और निजी अस्पताल के अलावा कॉल सेंटर, रिसर्च सेंटर तथा बीमा कंपनियों में नियुक्ति दी जाएगी।