नई दिल्लीः सौरमंडल के बाहर तकरीबन 700 प्रकाश वर्ष दूर शनि ग्रह के जैसे एक ग्रह के बारे में पता लगाया है कि उस पर पानी होने का संकेत मिले हैं। हांलाकि अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, नासा (NASA Scientist) का कहना है किे इस ग्रह को डल्यूएएसपी 39 बी नाम दिया गया हैं, उन्होंने बाताया कि इस पर शनि की तुलना में तीन गुना अधिक पानी है।
रीसर्चकर्ताओं का कहना है कि यह ग्रह सौरमंडल के ग्रहों की तरह नहीं है मगर डल्यूएएसपी 39 बी से यह जानने को मिल सकता है कि किसी तारे के आस पास ग्रह कैसे बनते हैं। क्योंकि कन्याराशि के तारामंडल स्थित डल्यूएएसपी 39 बी सूर्य की तरह स्थिर तारे का चार दिन में एक चक्कर लगाती है जिस तारे का नाम डल्यूएएसपी 39 है।
दरअसल सौरमंडल से बाहर का यह ग्रह अपने तारे से बहुत करीब है। क्योंकि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का केवल 20 वां भाग है। नासा (NASA Scientist) के भूमंडल का अनुभव करने वाले हब्बल और स्पिट्जर दूरबीन का प्रयोग कर खगोल शास्त्रियों ने इस ग्रह की आवोहवा का जांच किया और उसकी पूरी तस्वीर प्राप्त किया।
मैरीलैंड के वाल्टीमोर स्थित स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के अधिकारी जांचकरता हना वेकफोर्ड ने बताया कि, ‘‘हमें बाहर निकलकर देखने की जरुरत है जिससे अपने सौरमंडल को समझ सकें.‘‘
सहयोगी अन्वेषणकर्ता डेवन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के डेविट सिंग ने बताया कि, ‘‘डब्ल्यूएएसपी-39बी दर्शाता है कि सौरमंडल के बाहर के ग्रहों में सौरमंडल के ग्रहों से भिन्न संरचना होगी.‘‘
उनका कहना है कि, ‘‘आशा है कि इस विविधता से हमें ग्रहों के बनने की विभिन्न विधियों और व उनकी उत्पति के बारे में जानकारी मिल सकती है.‘‘
बहरहाल रीसर्चकताओं के अनुसार डब्ल्यूएएसपी 39 पर दिन के पक्ष का तापमान बहुत ज्यादा होता है। बताया जा रहा है कि वहां का तापमान तकरीबन 776.7 डिग्री सेल्सियस होता है।