रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 23 सितंबर, 2019 (युवाPRESS)। वर्तमान युग कंप्यूटर युग कहलाता है। इसी प्रकार यह समय विज्ञान और तकनीक का समय है, जिसमें दुनिया के शक्ति-सम्पन्न देश प्रति स्पर्धा कर रहे हैं। इन सभी विकसित देशों की प्रति स्पर्धा में विकासशील देश भारत भी शामिल हो गया है, जो तेजी से विकसित देशों को हँफा रहा है। हाल ही में भारत ने मिशन शक्ति से दुनिया को अपनी ताकत का दम दिखाया कि भारत ने भी अंतरिक्ष में दुश्मनों के सैटेलाइट को मार गिराने वाली एंटी सैटेलाइट मिसाइल प्रणाली विकसित कर ली है। इसके बाद इसी महीने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपनी ताकत का लोहा मनवाया। बढ़ती तकनीक से एक तरफ लोगों के काम आसान हो गये हैं, वहीं दूसरी तरफ तकनीक से कई चुनौतियाँ भी पैदा हुई हैं। इन्हीं में से एक बड़ी चुनौती है साइबर हमला। सोमवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इसी साइबर चुनौती का जिक्र किया और कहा कि दुनिया साइबर युद्ध की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही है। इसलिये भारत भी साइबर युद्ध की तैयारियाँ पूरी करने में जुटा हुआ है।
क्या होता है साइबर युद्ध और यह कैसे लड़ा जाता है ?

साइबर वॉर एक ऐसा युद्ध होता है, जो इंटरनेट और कंप्यूटरों के माध्यम से लड़ा जाता है। इस युद्ध में सामान्य भौतिक हथियारों का उपयोग नहीं होता है, उनके स्थान पर इलेक्ट्रोनिक हथियारों को उपयोग किया जाता है। दुनिया के कई देश लगातार साइबर युद्ध का अभ्यास कर रहे हैं, जिससे वे किसी भी संभावित साइबर हमले से निपटने के लिये तैयार रह सकें। भारत भी इस युद्ध को लड़ने की हर तकनीक का बारीकी से अभ्यास कर रहा है। तकनीक पर बढ़ती निर्भरता के कारण कई देशों को साइबर हमले की चिंता सताती रहती है। भारत भी इस चिंता से मुक्त नहीं है। साइबर हमलों के कारण अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने भारी खतरा पैदा हो गया है।
साइबर वॉर में तकनीकी हथियारों से हमले किये जाते हैं। कुछ हमलों के लिये पारंपरिक विधियाँ प्रयोग की जाती हैं, जैसे कंप्यूटर से जासूसी करना। इन हमलों में वायरस की सहायता से वेबसाइटों को ठप कर दिया जाता है और सरकार तथा उद्योग जगत को पंगु बनाने का प्रयास किया जाता है। इस युद्ध से बचाव के लिये कई देश जैसे कि चीन ने वेबसाइट्स को ब्लॉक करने, साइबर कैफे आदि में गश्ती बढ़ाने, मोबाइल फोन के प्रयोग पर निगरानी रखने और इंटरनेट की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिये हजारों की संख्या में साइबर पुलिस तैनात की हुई है।
साइबर वॉर में तकनीकी उपकरणों और अवसंरचना को भारी नुकसान होता है। एक कुशल साइबर योद्धा किसी भी देश की विद्युत ग्रिडों में हैकिंग से घुस कर अत्यंत गोपनीय सैन्य तथा अन्य जानकारियाँ हासिल कर सकता है। युद्ध के अन्य पारंपरिक तरीकों की भाँति ही साइबर वॉर में भी किसी भी देश को अनेक रक्षात्मक विधियाँ और जवाबी हमले के लिये तकनीकी तरीके (औज़ार) तैयार रखने पड़ते हैं। ताकि साइबर हमला होने की स्थिति में उसका तुरंत जवाब दिया जा सके।
हथियारों की दौड़ के कारण अभी तक दुनिया भर के देशों ने साइबर सुरक्षा के संबंध में खर्च काफी सीमित ही किया है। सरकारें अक्सर इसके लिये जन साधारण में से आने वाले साइबर विशेषज्ञों पर निर्भर रहती हैं। यही लोग साइबर सुरक्षा प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। वैसे इन योद्धाओं के लिये यह युद्ध पारंपरिक युद्ध से अधिक सुरक्षित है, क्योंकि इसमें योद्धा एक सुरक्षित स्थान पर बैठा रहता है। साइबर योद्धा विश्व के अनेक भागों में उपस्थित रह सकता है और वह सरकारों के निर्देशानुसार कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी किस्म की घुसपैठ पर नज़र रखता है। कई देशों में साइबर सुरक्षा एक विशेषज्ञ कोर्स की तरह कराया जाता है, जिसके बाद व्यक्ति साइबर योद्धा के रूप में कार्य कर सकता है।

अमेरिका के अनुसार उसे साइबर युद्ध का सबसे बड़ा खतरा है। वहाँ के नेशनल इंटेलिजेंस के पूर्व निदेशक जॉन माइकल मैक्कोलेन के कथनानुसार यदि साइबर युद्ध अभी छिड़ जाए, तो अमेरिका हार जाएगा और भारत तथा चीन इस क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। साइबर युद्ध के लिये सबसे बड़ी तैयारी चीन की मानी जाती है।
क्या भारत पाकिस्तान पर एक और बड़ी कार्यवाही करेगा ?
पाकिस्तान में एक बार फिर से भारत के विरुद्ध बड़े पैमाने पर आतंकी साजिश रची जा रही है। इतना ही नहीं, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जिस आतंकी ट्रेनिंग सेंटर को ध्वस्त किया था, उसी जगह आठ महीने के भीतर फिर से ट्रेनिंग सेंटर शुरू हो गया है। इसके अलावा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में लगभग 500 आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिये तैयार रखा गया है। इन सब चीजों को देखते हुए ऐसी प्रबल संभावना बन रही है कि कदाचित भारत, एक बार फिर पाकिस्तान में बड़ी कार्यवाही कर सकता है।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दिये संकेत
यह बात इसलिये कही जा रही है, क्योंकि यह बड़ी बात किसी और ने नहीं, बल्कि भारतीय सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कही है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस बार भारत पाकिस्तान में बालाकोट से भी आगे जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा कि इस बार की कार्यवाही एयर स्ट्राइक नहीं होगी, जो यह दर्शाता है कि इस बार सेना कुछ और नया करने की सोच रही है। सेना प्रमुख के अनुसार पाकिस्तान आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिये सीमा पर बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है, हालाँकि भारतीय सेना मुस्तैद होने से और उसे करारा जवाब दे रही होने के कारण वह आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि भारतीय सेना ने सीमा पर पूरी तैयारी की हुई है और नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।
सेना प्रमुख के अनुसार उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर तनाव बरकरार है। पड़ोसी देशों के साथ सम्बंधों में तनाव के चलते सीमा पर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि युद्ध में कोई उप-विजेता नहीं होता है। युद्ध में केवल जीत होती है या हार होती है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में साइबर युद्ध होगा और हमें ऐसे लीडर्स की जरूरत है, जो इस पर निर्णय कर सकें।