अहमदाबाद, 6 जुलाई 2019 (YUVAPRESS)। अगर आपके पास कॉल आए कि आपके खाते से इतने पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है, कृपया कन्फर्म करने के लिये यह नंबर दबाइए और नकारने के लिये यह नंबर दबाइए। तो तुरंत सावधान हो जाएँ, क्योंकि कोई भी बटन दबाते ही आपके खाते से पैसा निकल जाएगा और आप देखते रह जाएँगे। ऑनलाइन ठगी का यह पैंतरा राजस्थान की झीलों की नगरी कहलाने वाले उदयपुर में सामने आ चुका है।
उदयपुर के ठेकेदार के साथ हुई ऑनलाइन धोखाधड़ी

उदयपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ठेकेदार कंपनी एलएनटी के अधिकारी श्याम बाबू पाठक के पास एक रिकॉर्डेड कॉल आया, जिसमें कहा गया ‘मैं आपके बैंक से बोल रही हूँ, आपके खाते से 3,999 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। CONFIRM (पुष्टि) करने के लिये 1 दबाएँ या इसे NEGATE (नकारने) के लिये 8 दबाएँ।’ श्याम बाबू ने इस कॉल पर भरोसा करके नकारने के लिये जैसे ही 8 नंबर दबाया तो उनके खाते से 20,299 रुपये कट गये। इस प्रकार श्याम बाबू ने न तो खाता नंबर बताया और न कोई वन टाइम पासवर्ड (OTP) आया और खाते से पैसे निकल गये।
इस प्रकार की ठगी की शिकायत करने जब श्याम बाबू सूरजपोल थाने में पहुँचे तो ऑनलाइन ठगी का यह पैंतरा सुनकर पुलिस भी चौंक गई। श्याम बाबू ने पुलिस को बताया कि 26 जून की दोपहर लगभग 2 बजे एचडीएफसी बैंक के नाम से उनके पास कंप्यूटराइज़ वॉइस कॉल आया और इस कॉल पर भरोसा करके वह लुट गये। उन्होंने कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया था, इसलिये जब कॉल आया तो ट्रांजेक्शन को नकारने के लिये उन्होंने 8 नंबर दबा दिया। बटन दबाते ही 5 सेकंड के अंदर ही उनके खाते से 20,999 रुपये निकल गये। इसके बाद उन्होंने तुरंत बैंक में फोन करके अपने खाते को ब्लॉक करवाया।
इधर पुलिस के साइबर सेल ने जब मामले की जाँच शुरू की तो साइबर एक्सपर्ट की जाँच में सामने आया कि वॉइस स्कीमर डिवाइस के द्वारा कमांड लाइन के माध्यम से मोबाइल की हिस्ट्री चुराई गई और खाते से पैसे निकाल लिये गये। साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल के अनुसार ठगों के पास एक वॉइस स्कीमर डिवाइस होती है, जो लैपटॉप से जुड़ी होती है। सॉफ्टवेयर में वॉइस रिकॉर्डिंग होती है, जैसे ही कोई व्यक्ति बताए गये दोनों में से किसी भी एक नंबर को दबाता है तो उस व्यक्ति के मोबाइल में गूगल सर्च या अन्य मोबाइल ऐप की हिस्ट्री होती है वह उनके लैपटॉप में आ जाती है। मोबाइल की हिस्ट्री वह ठग मालवेयर कोडिंग के माध्यम से कमांड लाइन से एक्सेस कर लेते हैं। इस हिस्ट्री में बैंकिंग ऐप के पासवर्ड, सोशल मीडिया सहित अन्य जो भी मोबाइल में सर्च किया होता है वह डेटा उनके पास ग्राफिक्स के रूप में चला जाता है। इस डेटा के आधार पर वह लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।
साइबर ठग जिस प्रकार से नये-नये पैंतरों से ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं, उससे बचने के लिये लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। एक्सपर्ट चंदेल के अनुसार अधिकांशतः ठगी के मामले ऐसे लोगों के साथ ज्यादा सामने आ रहे हैं, जो शिक्षित हैं। नंबर दबाने या डेटा उपलब्ध कराने से ठगी होती है, इसलिये किसी भी प्रकार के अनजान कॉल से सावधान हो जाएँ और उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी न दें तथा श्याम बाबू पाठक की तरह कॉलर के कहने से कोई नंबर डायल न करें। सामान्यतः लोग पूरा कॉल सुनने के बाद कॉल में जैसा कहा जाता है, वैसा ही करते हैं और श्याम बाबू की तरह नंबर दबाकर ठगी का शिकार होते हैं।
मोबाइल में अकाउंट, मोबाइल नंबर, पासवर्ड की हिस्ट्री हटाएँ

साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल के अनुसार शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ऐसे कॉल को तुरंत काट देते हैं। चंदेल का कहना है कि यदि कोई भी इनकमिंग वॉइस कॉल को रिसीव करें भी तो कोई भी नंबर दबाने से बचें और हो सके तो ऐसे कॉल को काट दें। इसके अलावा मोबाइल की हिस्ट्री को हर दूसरे दिन क्लीयर करते रहें। कई बार लोग मोबाइल ऐप या ब्राउज़र पर बैंक अकाउंट लॉग-इन करते हैं और ट्रांजेक्शन भी करते हैं। इससे अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर, पासवर्ड कुकीज़ में उपलब्ध रहता है। इसे समय-समय पर डिलीट करते रहें। कोई भी लॉग-इन के समय सेव पासवर्ड से भी बचना चाहिये। साइबर सेल की जाँच में पाया गया कि श्याम बाबू के खाते से निकाली गई रकम एप्पल कंपनी के पास इन्वेस्ट की गई है। ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं कि जिससे श्याम बाबू के खाते से कटी रकम उनके खाते में वापस लाई जाए।