आज दुनिया भर में खेती में पेस्टीसाइड का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा बन गया है। दरअसल पेस्टीसाइड के इस्तेमाल के कारण जमीन की उर्वरक क्षमता कम हो रही है, वहीं इसके कारण कई तरह की बीमारियां भी जन्म ले रही हैं। यही वजह है कि आज दुनिया ऑर्गेनिक खेती की ओर बड़ी ही उम्मीद से देख रही है। इस दिशा में केरल राज्य के एक स्कूल ने बड़ी ही अनूठी पहल की है, जिसकी वाकई में प्रशंसा होनी चाहिए। दरअसल केरल का यह स्कूल, छात्रों को Organic Farming सिखा रहा है, ताकि बच्चे स्वास्थ्य, खेती के साथ ही पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील बन सकें।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक खबर के अनुसार, केरल के थिरक्काकारा इलाके का “नईपुन्ना पब्लिक स्कूल” अपने छात्रों को Organic Farming सिखा रहा है। स्कूल ने थोड़ी सी जमीन लीज पर लेकर ऑर्गेनिक खेती करना शुरु किया है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल के छात्रों पर है। मजे की बात है कि ऑर्गेनिक खेती से उगाई गई सब्जियों की स्कूल में नीलामी की जाती है, जिसे अध्यापकों द्वारा खरीदा जाता है। इसके बाद नीलामी से मिले पैसों को फिर से ऑर्गेनिक खेती में इस्तेमाल किया जाता है।
शायद पहली नजर में यह काम आम लगे, लेकिन अगर ध्यान से देखें तो स्कूल की इस पहल से स्कूल के बच्चे, जहां खेती के तरीके सीख रहे हैं, वहीं पर्यावरण के प्रति भी जागरुक हो रहे हैं। एक ऐसे देश में जिसकी बड़ी आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है वहां इस स्कूल की यह पहल बेहद सराहनीय है। बता दें कि इस स्कूल को ऑर्गेनिक फार्मिंग करते हुए 5 साल हो चुके हैं और अभी तक मिली सफलता के बाद स्कूल इसे आगे भी जारी रखने का फैसला कर चुका है।
साल 2016 से केरल के वायनाड जिले के गवर्नमेंट हाई स्कूल, मीनानगडी के छात्रों ने भी ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत कर दी है। इस दौरान स्कूल के छात्र प्राकृतिक तरीके से कई तरह की सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इनमें भिंडी, टमाटर, करेला, गोभी, बैंगन, बंदगोभी, हरी मिर्च आदि सब्जियां शामिल हैं। पर्यावरण के बढ़ते खतरों के बीच केरल के इन स्कूलों की पहल गौर करने लायक है।
क्या है Organic Farming
ऑर्गेनिक फार्मिंग की शुरुआत 20वीं सदी में हुई थी। इसके तहत खेती में पेस्टीसाइड का इस्तेमाल नहीं किया जाता और प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करके ही फसल उगायी जाती है। इसके साथ ही ऑर्गेनिक फार्मिंग में फसलों के क्रम, सीजन के तहत खेती की जाती है, ताकि मिट्टी की गुणवत्ता बरकरार रहे। ऑर्गेनिक फार्मिंग, जहां स्वास्थ्य के लिए अच्छी है, वहीं पर्यावरण के नजरिए से भी इसके कई फायदे हैं।